आम की फसल पर कीटों व रोगों का हमला, समय रहते करें बचाव 

Update: 2017-03-28 17:47 GMT
आम में बढ़ रहा कीटों का प्रकोप

सुरेन्द्र कुमार

मलिहाबाद (लखनऊ)। पेड़ों में कम बौर ने बाग मालिकों की चिंता बढ़ा दी थी, इस बार मौसम भी आम का साथ नहीं दे रहा है। बढ़ते तापमान से आम की बाग में कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ गया है।

मलिहाबाद, माल क्षेत्र मे 36 हजार हेक्टेयर भू-भाग पर आम के बाग लहलहा रहे हैं। फसल में आम का फुदका, भुनगा कीट व लस्सी कीड़ा लगने के साथ डांसी मक्खी का प्रकोप दिखाई पड़ रहा है। यह तीनों कीट बौर व फलों का रस चूस फसल को बर्बाद कर रहे हैं।

औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के मुख्य उद्यान विशेषज्ञ डॉ. अतुल कुमार सिंह बचाव के बारे में कहते हैं, "भुनगा व भुदका कीट की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवा कार्बेरिक चार ग्राम या क्वीनालफास दो मिली. या मोनोक्रोटोफा 1.5 मिली. या क्लोरोपाइरीफास दो मिली. अथवा फेनीट्रोथियान डेढ़ मिली एक लीटर पानी मे घोलकर आम के पेड़ों पर छिड़काव करना चाहिए।"

इसके अलावा तीन और प्रभावशाली दवाएं प्रोपेनोफास, थायोमेथाक्स व इमिडाक्लोरोपिड दवाएं हैं। जिनका छिड़काव करना वर्तमान मे लाभदायक है। इन्हीं कीटनाशक दवाओं मे से किसी एक दवा का दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद करना चाहिए।

बन रहे फलों पर डांस मक्खी का प्रकोप भी देखा जा रहा है। यह सबसे भयानक कीट है। इस कीट की सूडियां आम के गूदे को खा जाती हैं। एक मक्खी करीब 200 तक अण्डे देती हैं। जिससे दो-तीन दिन मे सूड़ियां निकल कर आम के फल के गूदे खाने लगती हैं। इसकी रोकथाम के लिए कार्बेरिल, हाइड्रोलिकजेट अथवा शीरा के छिड़काव से इस पर पूर्ण नियंत्रण पाया जा सकता है। दूसरा छिड़काव 21 दिन के अन्तराल पर करना चाहिए।

नहर में नहीं आया पानी कैसे हो सिंचाई

तेज गर्मी व धूप से पेड़ों में लगे आम सिंचाई के अभाव मे पीले पड़ सूखने की कगार पर पहुंच रहे हैं। चल रही समय असमय विद्युत आपूर्ति के कारण नलकूपों का बराबर चलना बन्द है। दूसरी तरफ नहरों मे पानी नही है।

इस समय आम में सिंचाई की जरूरत है, लेकिन नहर में पानी ही नहीं है। आम उत्पादक महेन्द्र सिंह कहते हैं, "इस समय बागों की सिंचाई की आवश्यकता है। अगर एक पखवारा के अन्दर नहरों मे पानी न आया, बागों की सिंचाई न हो पायी तो बची हुयी फसल भी नष्ट हो जाएगी।"

इस बारे में मलिहाबाद विधानसभा की विधायक जयदेवी कौशल कहती हैं, "प्रयास कर शीघ्र ही नहरों मे पानी छुड़वाया जाएगा। साथ ही खराब राजकीय नलकूपों की कमियां ठीक कराकर उन्हें चालू कराया जायेगा। आम उत्पादकों की अन्य समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए वह शासन स्तर पर उनके निराकरण का प्रयास करेंगी।"

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