मुंबई (भाषा)। सरोद के उस्ताद अमजद अली खान का कहना है कि शास्त्रीय संगीतकार हिन्दी फिल्म उद्योग के लोगों की तरह मनोरंजन नहीं करते। खान ने प्रेट्र से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बॉलीवुड संगीत बहुत मनोरंजक है। उनमें ‘हम तुम एक कमरे में बंद हों' जैसे घटिया शब्द हो सकते हैं और यह चल भी जाते हैं, जबकि शास्त्रीय संगीत अलग तरह का होता है। हम मनोरंजन नहीं करते और शास्त्रीय संगीत की महान परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।''
सरोद उस्ताद को लगता है कि जब संगीत की बात आती है, तब बॉलीवुड का संगीत एक अलग दुनिया हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘बॉलीवुड की धारणा और दृष्टि अलग है। वह दिखने और बिकने योग्य होना चाहिये। उनके मानदंड अलग हैं।''
71 वर्षीय संगीतकार ने कहा, ‘‘हालांकि बॉलीवुड में कुछ अच्छे गाने और बेहतर गीत और संगीत भी दिया है। मुझे भी कुछ फिल्मी गाने पसंद हैं। इनमें से कुछ गाने प्रेरणादायी भी हैं।'' खान ने कहा, ‘‘कुछ लोग लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी को सुनकर बड़े हुये हैं और वे बहुत अच्छे थे। आज के गायक जैसे श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान भी अच्छा काम कर रही हैं।
खान ‘समागम' की प्रस्तुति को लेकर उत्साहित हैं। ‘समागम' सरोद और आर्केस्ट्रा का संगम है, इसमें भारतीय और अमेरिकी संगीतकारों की प्रतिष्ठित प्रस्तुतियां होंगी।