कम समय में बनानी हो रंगोली तो अपनाएं ये तरीके

Update: 2017-10-18 17:06 GMT
प्राकृतिक रंगोली।

लखनऊ। त्योहारों का समय है और ऐसे में घर की चौखट व आंगन में रंगोली या अल्पना बनाने की भी परंपरा है। अगर आप गाँव गए होगें तो गाँव के घरों की दीवारों पर भी आपको तरह तरह की कृतियां बनी देखने को मिलेगीं। ये सब लोककलाएं हैं जो आप भी गाँवो में आज भी तीज-त्यौहारों, और शुभ अवसरों पर ग्रामीण महिलाएं घर के आंगन दीवारों और चौखटों को घरेलू सामग्रियों के इस्तेमाल सजाकर कुछ कलाकृतियां बनाती और सजाती हैं।

नवरात्रि, रक्षाबन्धन पर मांगलिक चौक या करवाचौथ, दीवाली पर भित्तियों में चौके और स्वास्तिक सजाना, कई रस्में हैं जो आज भी इस परंपरागत कला को सहेजे हुए हैं।

क्यों बनाई जाती हैं रंगोली

रंगोली शब्द संस्कृत के एक शब्द ‘रंगावली’ से लिया गया है। ये भारत को वो रंगबिरंगी कला है जो हर शुभ मौके पर बनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रंगोली बनाई जाती है। इसका महत्व भगवान का स्वागत करने से जोड़ा गया है। रंगोली अलग-अलग रंगों से जमीन पर बनाई जाती है।

अगर आप भी इस दिवाली अपने घर के दरवाजे पर रंगोली बनाना चाहते हैं तो अपना सकते हैं ये तरीके--

आप रंगोली बनाने जा रहे हैं लेकिन समय की कमी के कारण जल्दी काम करना चाहते हैं तो आपके लिए आसान तरीका है कि पाउडर रंगों का इस्तेमाल ना करके चॉक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे गलत होने की संभावना भी कम हो जाती है। इसके साथ ही अगर ज्यादा काम करने से बचना चाहते हैं तो सिर्फ फूलों से स्वास्तिक बनाया जा सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी बनाई रंगोली कुछ दिनों तक टिकी रहे तो इसके लिए आप सफेद चूने में पानी मिलाकर और साथ ही थोड़ा-सा चूना और ज्यादा सा लाल रंग लेकर अलग-अलग दो रंग बना लें। अगर पेंटिग का शौक है और अपनी पेंटिग इस बार जमीन पर बिखेरना चाहते हैं तो पोस्टर कलर्स भी आपकी मदद कर सकते हैं।

फूलों की रंगोली।

मांडना

पारंपरिक रंगोली पहले के समय में गांवों में लोग गेरू से लीपे घरों में मांडना की आकृतियां बनाई जाती थीं। चावल के आटे को घोलकर इन्हें बनाया जाता था, आप इस दीवाली इन्हें भी अपने घर पर बना सकते हैं।

फूलों की रंगोली

ज्यादातर घरों में फूलों की रंगोली ही बनाई जाती है। इसे बनाने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगता और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। कोई भी मनचाही आकृति चॉक से बनाकर उस अलग अलग रंगों की फूलों की मदद से सजा सकती हैं।

नेचुरल रंगोली

पहले प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करके महिलाएं अपने आंगन में रंगोली जैसी ही खूबसूरत कलाकृतियां बनाती थीं। आज भी कई लोग ऐसा करते हैं, इसके लिए चावल को पीसकर या फिर आटे में हल्दी और दालों आदि से रंग तैयार कर पाउडर तैयार किया जाता है जिसके बाद इससे खूबसूरत रंगोली तैयार हो जाती है।

रंगों की दिवाली।

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