बसंत कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। अजहर भाई की पान की दुकान पर नुकसान करने वाला पान नहीं मिलता है। वो यहां पान के रूप में दवाइयां देने का दावा करते हैं और यही कारण हैं कि दूर-दूर से लोग यहां पान खाने आते हैं।
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नवाबों के शहर में पान शुरू से ही मशहूर रहा है। यहां की संस्कृति और परम्परा में पान हमेशा से शामिल रहा है और आज भी कई लोगों को खाने के बाद पान खाने की तलब लगती है।
खाड़ी देश भी भेजा जाता है पान
हमारे यहां से पान सिर्फ लखनऊ या आस-पास ही नहीं जाता है। हमारे यहां से पान खाड़ी देश में भी भेजा जाता है। लखनऊ के जो लोग सऊदी या दुबई जैसे शहरों में रहते हैं वो अपने जानने वालों से पान मंगाते हैं। पान को हम डब्बे में पैक करके इस तरह भेजते है ताकि वो खराब ना हो। सीतापुर जनपद के सिधौंली के रहने वाले राजू लखनऊ में रहते हैं। राजू यहां नियमित पान खाने आते हैं। राजू बताते हैं कि यहां मैं पिछले 15 साल से पान खाने आता हूं।
हमारे यहां लखनऊ, मलीहाबाद और मोहनलालगंज से लोग पान खाने आते हैं।शेर अली, पान दुकानदार
यहां का पान मुझे बहुत पसंद है। मैं बीमार होता हूं तो दवाई से ज्यादा पान ही खाना पसंद करता हूं और इससे मैं ठीक भी हो जाता हूं। इस दुकान पर महिलाएं भी पान खरीदने आती हैं। दुकान पर पान लेने पहुंची आयशा बताती हैं कि लखनऊ में पैदा हुई तो बचपन से ही आसपास के लोगों को पान खाते देखती रही तो पान खाने की आदत लग गई। किसी दूसरे दुकान पर नहीं जाते हैं। यही से आकर पान ले जाते हैं।
अजब-गजब पान के प्रकार
अकबरी गेट के पास बने अजहर भाई की पान में अजब-गजब पान मिलते हैं। बेगम पसंद पान, कमर ते दर्द का पान, हाजमे का पान, सीने में जलन, नजला खांसी का पान, वाजिद अली शाह पान, मुंह के छाले का पान, शाही मीठा पान और अनानास की जड़ का पान आदि ।
बिरयानी पान
इसमें बिरयानी की खुशबू आती है।
कमर के दर्द का पान
इस पान को खाने से कमर दर्द कम होता है। शेर अली बताते हैं कि एक से दो पान खाने के बाद कमर दर्द खत्म हो जाता है । पान में हम हकीम द्वारा बनाई गई दवाई मिलाकर देते हैं।
हाजमे का पान
शेर अली बताते हैं कि आपका पेट जितना भी खराब हो अगर हमारा यह पान आप एक से दो बार खा ले तो पेट ठीक हो जाएगा।
90 साल से चल रही है दुकान
दुकान चला रहे शेर अली बताते हैं, ‘‘यह दुकान 90 साल से चल रहे हैं। मेरे दादा के बाद मेरे वालिद और उसके बाद मेरे भाई और मैं इस दुकान को चला रहे हैं। हमारे यहां लखनऊ, मलीहाबाद और मोहनलालगंज से लोग पान खाने आते हैं। पति अपनी पत्नियों के लिए यहां से पान पैक कराकर ले जाते हैं।”