सीबीएफसी का सुझाव फिल्म पद्मावती का नाम ‘पद्मावत’ रखें पर राजस्थान करणी सेना आगबबूला   

Update: 2017-12-30 19:52 GMT
बंगलुरू के फ्रीडम पार्क में करणी सेना का विरोध।

जयपुर (भाषा)। फिल्म पद्मावती को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के सुझाव को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर राजपूत करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी के तेवर अभी भी तीखे ही हैं। सीबीएफसी ने फिल्म पद्मावती को यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म का नाम बदलकर पद्मावत करने का सुझाव दिया है। लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा अभी तो बहुत से स्पष्टीकरण आने बाकी है, इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मेरी दिशा स्पष्ट है, यह सब को पता है।

दूसरी तरफ राजस्थान राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाडा ने कहा कि सेंसर बोर्ड कमेटी की सिफारिश को तवज्जो नहीं देकर फिल्म निर्माताओं की मदद करना चाहता है, यह देश का दुर्भाग्य है, हम लोकतांत्रिक तरीके से विवादित फिल्म पद्मावती का विरोध जारी रखेंगे।

लोकेंद्र सिंह कालवी और गिरिराज सिंह लोटवाडा ने बातचीत करते हुए शुरुआती प्रतिक्रिया दी है।

इस फिल्म को नौ लोगों की कमेटी को देखना था, लेकिन मात्र तीन सदस्यों ने फिल्म देखी है, तीनों सदस्यों ने क्या सिफारिश दी, यह सामने नहीं है, अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी है, हालांकि मैं जिस रास्ते पर चला था, आज भी उसी रास्त पर हूं।
लोकेंद्र सिंह कालवी

गिरिराज सिंह लोटवाडा ने कहा कि बोर्ड ने विवादित फिल्म पदमावती की समीक्षा के लिए जिस कमेटी का गठन किया था, वह कमेटी फिल्म को लेकर प्रतिकूल सिफारिश कर रही है तो फिर बोर्ड ने फिल्म में छब्बीस द्रश्य को नहीं दिखाने और फिल्म का नाम बदलने का सुझाव क्यों दिया है।

उन्होंने कहा कि बोर्ड को पारदर्शी होना चाहिए और उसे राष्ट्रहित में सोचना चाहिए। बोर्ड अपने द्वारा गठित कमेटी की सिफारिश को नहीं मान रहा है तो फिर कमेटी गठित ही क्यों की गई थी। हमारा लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रहेगा। अगली क्या रणनीति होगी, यह बातचीत करने के बाद तय किया जाएगा।

मेवाड राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज मेवाड ने कहा कि पद्मावती को लेकर अभी हाल में मीडिया से ही जानकारी मिली है, जब तक पूरी स्थिति सामने नहीं आ जाती, कुछ कहना उचित नहीं होगा।

सीबीएफसी द्वारा गठित विशेष पैनल में उदयपुर से अरविंद सिंह, डॉ चन्द्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के के सिंह शामिल थे। गठित कमेटी में शामिल में अरविंद सिंह, डॉ चन्द्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के के सिंह से इस बारे में सम्पर्क नहीं हो सका।

गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती शूटिंग के साथ ही विवादों के साए में रही है। पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाने की तैयारी में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया और शूटिंग स्थल पर जमकर तोड़-फोड़ की थी।

विवादित फिल्म पद्मावती पर रोक लगाने की मांग को लेकर देशभर में पिछले दिनों जमकर प्रदर्शन हुए हैं, जिसके बाद भाजपा शासित प्रदेशों ने जारी विरोध को देखते हुए फिल्म पदमावती के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।

पद्मावती अब होगी पद्मावत

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है और फिल्म के निर्देशक को इसका नाम बदलकर पद्मावत करने का सुझाव दिया है।

संसदीय पैनल के समक्ष भी पेश हो चुके संजय लीला भंसाली ने बताया कि ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित करीब 150 करोड़ रुपए की लागत से बनी उनकी फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी रचित 16वीं सदी के ऐतिहासिक काव्य पद्मावत पर आधारित है, फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह ने अभिनय किया है।

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गीत घूमर में कुछ बदलाव करने का सुझाव

विज्ञप्ति के अनुसार बोर्ड ने आधिकारिक घोषणा में कुछ बदलाव करने का सुझाव देते हुए इसमें यह जोड़ने को कहा कि यह फिल्म जौहर प्रथा का महिमामंडन नहीं करती। साथ ही फिल्म के गीत घूमर में चरित्र के अनुकूल कुछ बदलाव करने का भी सुझाव दिया गया।

यह बैठक सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी की मौजूदगी में हुई और इसमें सेंसर बोर्ड के अधिकारियों सहित जांच समिति के नियमित सदस्यों ने भी हिस्सा लिया था।

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