उदयपुर विश्व संगीत महोत्सव 2017 के पहले दिन कैलाश खेर बांधेंगे समां  

Update: 2017-02-10 17:07 GMT
राजस्थान के उदयपुर में विश्व संगीत महोत्सव 2017 के दूसरे संस्करण का आयोजन आज से है।

उदयपुर (आईएएनएस)। राजस्थान के उदयपुर में विश्व संगीत महोत्सव के दूसरे संस्करण का आयोजन आज शुक्रवार से होने जा रहा है। इस तीन दिवसीय विश्व संगीत महोत्सव में भारत सहित ब्रिटेन, इटली, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल, कनाडा, आर्मेनिया, तुर्की, मैकेडोनिया, मोजाम्बिक, नॉर्वे, ईरान, क्यूबा और स्विट्जरलैंड सहित कुल 16 देशों के 150 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम में कैलाश खेर के आने को लेकर भी लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है। कैलाश खेर अपने सूफी संगीत से कार्यक्रम में समां बांधेंगे।

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उदयपुर में विश्व संगीत महोत्सव 2017 के बारे पूरी जानकरी लें क्लिक करें

उदयपुर में 10 से 12 फरवरी तक चलने वाले इस संगीत महोत्सव के पहले दिन ईरानी मूल की अमेरिकी गायिका आजम अली अपने साझेदार नियाज के साथ इलेक्ट्रो सूफी संगीत पेश करेंगी। वह सूफी संगीत को अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मेल से नए कलेवर में पेश करने जा रही हैं।

पहले दिन ही मदमस्त प्रस्तुति देंगे कैलाश खेर और उनका बैंड कैलासा

अपनी सूफियाना आवाज के लिए मशहूर सूफी गायक कैलाश खेर और उनका बैंड कैलासा भी पहले दिन मदमस्त प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही मोनस्वेजी बैंड पारंपरिक अफ्रीकी गीत और संगीत पेश करना जा रहे हैं। इस बैंड में मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे, स्वीडन और नॉर्वे के कलाकार जुड़े हुए हैं। पहले दिन का यह कार्यक्रम शाम सात बजे से गांधी ग्राउंड में होगा।

अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है लेकिन कैलाश खेर को सुनने और देखने की उत्सुकता है। उनकी गायकी खूब भाती है।
प्रताप सिंह स्थानीय निवासी उदयपुर

एक संगीत प्रेमी भजनलाल ने कहा, "मुझे हर तरह का संगीत पसंद है और इस तरह के कार्यक्रमों में जरूर शरीक होता हूं। इस तरह के कार्यक्रम अन्य शहरों में भी होने चाहिए।"

कार्यक्रम में प्रवेश निशुल्क

पिछले साल के कार्यक्रम में 25,000 से अधिक दर्शकों की भीड़ जुटी थी लेकिन इस बार आयोजकों को इससे ज्यादा लोगों के आने की उम्मीदें हैं। कार्यक्रम में प्रवेश को पिछले साल की तरह निशुल्क ही रखा गया है।

महोत्सव के निदेशक संजीव भार्गव ने बताया, "लय, सुर और ताल के इस अद्भुत कुंभ के जरिए अगले तीन दिनों तक यह उदयपुर नगरी सुरों की नगरी में तब्दील होने जा रही है। पिछले दो वर्षों से उदयपुर में इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसका उद्देश्य दक्षिण एशिया के संगीत क्षेत्र में इस शहर को एक बड़े गंतव्य के तौर पर स्थापित करना भी है।"

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