‘फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड का गाना जो सबकी जुबां पर है उसे मैंने 14 साल पहले ही लिख लिया था’

Update: 2017-05-12 20:31 GMT
बाहुबली 2 की सक्सेस और हाफ गर्लफ्रेंड के गाने मैं फिर भी तुमको चाहूंगा के प्रमोशन के लिए लखनऊ आए लेखक मनोज मुंतशिर  

लखनऊ। बाहुबली-2 की जबर्दस्त सफलता के साथ फिल्म के गानों और डायलॉग्स की भी चर्चा हो रही है। ओरिजनल तमिल वर्जन की तरह ही फिल्म के हिंदी वर्जन को भी लोगों ने खूब पसंद किया। इसी वजह से फिल्म हिंदी बेल्ट में अब तक की सबसे कमाऊ फिल्म बनने जा रही है। हिंदी वर्जन की सफलता का श्रेय जाता है लेखक मनोज मुंतशिर को जिन्होंने अपनी लेखनी से साउथ फिल्म को हिंदी सिनेमा लवर्स के बीच इतना पॉपुलर बना दिया।

बाहुबली-2 के बाद मनोज आने वाली फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ का गाना ‘मैं फिर भी तुमको चाहूंगा’ लेकर आ रहे हैं। म्यूजिक लवर्स इस गाने को काफी पसंद भी कर रहे हैं। पेश है उनसे बातचीत-

सवाल - बाहुबली-2 की सफलता पर क्या प्रतिक्रिया है? इस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी?

जवाब- बाहुबली पार्ट वन के लिए ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन पार्ट 2 के लिए काफी उम्मीद थी। फिल्म का ओवरऑल बिजनेस भले ही 1000 करोड़ पहुंच गया हो लेकिन मैं हिंदी वर्जन की बात करूंगा तो अब तक इसने इस समय 200-350 करोड़ कमाए हैं जो अब तक की सबसे कमाऊ हिंदी फिल्म है। जल्द ही हम 400 के आंकड़े पर पहुंचने वाले हैं जहां तक अभी कोई हिंदी फिल्म नहीं पहुंची है।

सवाल- कितना मुश्किल था ड्रामा वॉर वाली फिल्म के लिए डायलॉग लिखना, जबकि फिल्म ओरिजनल तमिल भाषा में है।

जवाब- हम सब अमरचित्र कथा पढ़कर बड़े हुए हैं, हमारे खून में है ये। हमने जिन कहानियों को पढ़ा है उसमें मंत्री हैं दरबार हैं, दरबारी हैं तो मुझे बाहुबली के डायलॉग्स लिखने के लिए खुद को बहुत ज्यादा दवाब नहीं रहा। मुझे इस बात की खुशी है कि कुछ समय पहले तक जहां डायलॉग्स को तवज्जो नहीं दी जाती थी अब उनकी भी तारीफ हो रही है। बाहुबली- 2 के कम से कम 20 से 25 डायलॉग्स ऐसे हैं जो बच्चे-बच्चे की जुबान पर है और ये बरसों बाद हुआ है।

सवाल- आपने बताया था कि बाहुबली के डायलॉग्स का आपने ट्रांसलेशन नहीं ट्रांसक्रियेशन किया है?

जवाब- जी हां, मैंने इस फिल्म के लिए डायलॉग्स का अनुवाद नहीं बल्कि ट्रांसक्रियेशन किया है। मेरे ख्याल से ये मुमकिन नहीं है कि आप फाइन आर्ट का अनुवाद करें। अगर आप ऐसी गलती करते हैं तो दर्शकों पर इसका उतना असर नहीं पड़ता। इससे पहले भी कई साउथ की हिंदी वर्जन फिल्में आई हैं। हर छह साल में इस तरह की फिल्में आती हैं लेकिन हम उनका नाम तक नहीं जानते जबकि उनमें रजनीकांत, कमल हासन, चिरंजीवी और पवन कल्याण जैसे बड़े- बड़े स्टार्स थे। मैं मानता हूं कि हमने हिंदी की संवेदनशीलता पर ध्यान ही नहीं दिया, हम नकली हो गए हैं। हमने ट्रांसलेशन पर ही ध्यान दिया, यही वजह है कि हाल की कोई साउथ मूवी हिंदी सिनेमा प्रेमियों पर खास असर नहीं छोड़ पाई।

सवाल- आपका अगला गाना मैं फिर भी तुमको चाहूंगा के बारे में बताइए?

जवाब- ये एक नज़्म है, जिसे मैंने 2001 में लिखा था। इसे गाना बनाने का श्रेय हाफ गर्लफ्रेंड के निर्देशक मोहित सूरी और संगीतकार मिथुन को जाता है जिन्होंने मेरी नज़्म पढ़ी और करीब 14 साल बाद उसे एक गाने का रूप दिया गया। उस पूरी-पूरी नज़्म को बिना कोई बदलाव किए मिथुन के पेश किया है ये करिश्मा है। इससे पहले मुझे याद है कि फिल्म कभी -कभी का गीत कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है जो एक नज़्म है और उसे ओरिजनल रूप में ही फिल्म में पेश किया गया था।

सवाल- आपका अपना गाँव कनेक्शन क्या है? आप अमेठी के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं?

जवाब- मैंने गांव पर एक शेर लिखा था,‘तुम्हारे शहर ने दफनाया बे-मज़ार हमें, हमारे गाँव में कहते थे जमींदार हमें।’ हालांकि मैं बहुत साधारण परिवार से हूं, मुझे गाँव के झूले बहुत याद आते हैं। ये थोड़ी लड़कियों वाली बात है लेकिन मैं जब गाँव में था तो अपनी चाची- नानी व बुआ के साथ झूले के बीच में कन्हैया बनकर बैठा रहता था। अब यही सोचता हूं कि काश वे दिन लौटकर आ जाते।

सवाल- ट्विटर पर आप हैशटैग मु‍ंतशिरज्म से शेरों-शायरी व कविता ट्वीट करते हैं।

जवाब- मुंतशिरज्म के जरिए मेरा प्रयास है फिल्मों के अलावा मैं लिटरेचर और पॉपुलर लिटरेचर से लोगों को जोड़ सकूं। मैं किताबी साहित्य नहीं बल्कि जो आम बोलचाल की बातें हैं उसे पोयट्री के जरिए सामने लाना चाहता हूं ताकि हमारा युवा रोजमर्रा की बातों को इस तरह लिख सके।

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