Aawaazein with Jamshed Qamar Siddiqui में इस हफ़्ते बात होगी सरहदों से आज़ाद रेशमा की आवाज़ की, उन्होंने न किसी सिंगिंग स्कूल से सीखा ना किसी उस्ताद से, बंजारन सी ज़िंदगी जीने वाली रेशमा को संगीत खुदा ने बख्शा था। 12 साल की उम्र में सिंध के शाबाज़ कलंदर दरगाह पर किने उन्हें गाते हुए सुना और फैसला किया कि उन्हें रेडियो पर गाने का मैका देंगे, जानने के लिए सुनिये आवाज़े का ये ख़ास एपिसोड