रवि बहल : एक्टर, डांसर, सिंगर और प्रोड्यूसर, जिसने संघर्ष से दोस्ती कर ली
हम से तुम दोस्ती कर लो
ये हसीं गलती कर लो
90 के दशक में ये गाना हर कॉलेज की कैंटीन से लेकर, गली-मुहल्लों में सुनाई देता था। साल 1991 में रीलीज़ हुई फिल्म 'नरसिम्हा' के इस गाने ने घूम मचा दी थी। इस गाने में एक हाथ कमर पर, और दूसरा सर पर लगाकर उचकता हुआ एक क्यूट सा लड़का उस दौर की लड़कियों के दिल की धड़कन बन गया था, हालांकि फिल्म के हीरो सनी देयोल थे लेकिन अपनी दिलकश मुस्कुराहट और बेहतरीन अदाकारी से चौबिस साल के उस नौजवान ने अपने लिए ज़मीन तैयार कर ली थी। नाम था रवि बहल
रवि की शुरुआती फिल्मों ने जो करिश्मा दिखाया था वो ज़्यादा आगे चल नहीं पाया, फिल्मी दुनिया में कुछ भी तय नहीं होता, न कामयाबी और न नाकामयाबी। रवि की पहचान सिर्फ कुछ फिल्मों तक ही सीमित हो गई, वो फिल्में थीं - नरसिम्हा और अग्निसाक्षी। एक्टिंग बेहतरीन थी, डांस ज़बर्दस्त था लेकिन वो नहीं चले। वो नौजवान जिससे किसी दौर में फिल्मी पंडितों को बहुत उम्मीदें थी, प्रोड्यूसर पैसा लगाना चाहते थे वो अचानक दूसरे कलाकारों के आने से दब गया। एक लंबे दौर तक रवि बड़े पर्दे से दूर रहे, इक्का दुक्का फिल्मों में छोटे-छोटे रोल करते दिखे। ये उनकी जिंदगी का शायद सबसे मुश्किल दौर था। दूर तक सिर्फ संघर्ष ही संघर्ष था। हाल ये था कि उनके पिता श्याम बहल जो खुद एक प्रोड्यूसर थे वो भी उनपर पैसा लगाकर फिल्म नहीं बनाना चाहते थे। उनकी बहन गीता बहल जो फिल्म 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' में एक्टिंग कर चुकी थीं, अपने भाई की मदद तो करना चाहती थी लेकिन कर नहीं पा रही थी। इस दौरान कई फिल्मों में उनके छोटे मोटे रोल दिखाई दिये जिन में बॉयफ्रैंड, दलाल और ग़ुलाम ए मुस्तफा थीं, लेकिन इन फिल्मों में उनके किरदार को उस तरह नहीं सराहा गया जिसकी रवि को उम्मीद थी। रवि ने टीवी और फिल्मों से दूरी बनाकर कपड़ों का बिज़नेस करने का मन बना लिया। लेकिन साल 1996 में रवि बहल को साथ मिला जावेद जाफरी का, उन्होंने रवि को एक डांस टीवी शो के आइडिया दिया। आइडिया पर काम हुआ और शो बना - Boogie Woogie... इस शो ने टीवी पर टीआरपी के कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिये और रवि बहल के करियर को फिर से एक उड़ान दे दी।
बूगी वूगी वो शो था जिसने डॉंस को लेकर हिंदुस्तान के बच्चों में नया जोश भर दिया। पहले हफ्ते में एक बार और फिर हफ्ते में दो बार आने वाला ये शो, एक लंबे वक्त तक छोटे पर्दे पर अपनी बादशाहत की सिक्का जमाए रहा। इस शो में जावेद जाफरी, उनके भाई नावेद के साथ रवि बहल की तिकड़ी ने धूम मचा दी। इस शो के शुरुआती एपिसोड अंधेरी के मेहता इंडस्ट्रियल स्टेट में शूट किये जाते थे लेकिन बाद में नटराज, फिल्मालया और फिल्मिस्तान में भी शूट किये जाते थे। ये टीवी का सबसे पुराना डांस रियेलिटी शो माना जाता है।
इस शो ने रवि बहल के करियर को लंबे वक्त तक सहारा दिया। वो छोटे पर्दे के ज़रिये लोगों की नज़र में बने रहे लेकिन फिल्मों में दोबारा उन्हें वो मकाम नहीं मिला। हालांकि इस बीच उन्होंने एक अंग्रेज़ी फिल्म में भी काम किया। नाम था - The Far Pavilions लेकिन फिल्म लोगों की नज़र में नही आ पाई। आइये एक नज़र डालते हैं उन फिल्मों पर जो रवि बहल ने की
मोर्चा - 1980
इंतिहा - 1984
अविनाश - 1986
नरसिम्हा - 1991
बॉय फ्रैंड - 1993
दलाल - 1993
प्यार का रोग - 1994
The Far Pavilions - 1994
मेरी मोहब्बत, मेरा नसीब - 1995
अग्नि साक्षी - 1996
ग़ुलाम ए मुस्तफ़ा - 1997
सरफरोश ए हिंद 1999
सलामा बच्चे 2007