आखिर क्यों बंटवारे के बाद गुरदीप जाना चाहता है पाकिस्तान: नीलेश मिसरा की आवाज़ में सुनिए कहानी 'सरहदें'
एक दिन पाकिस्तान से एक चिट्टी आई कि ३ महीने बाद एक सड़क का नाम मेरे दारजी के नाम पर रखा जा रहा है । मैं तो खुशी से उछल पड़ा, और सोच लिया कि मैं पाकिस्तान जाऊँगा। पर पापाजी ने सख्ती से मना करा दिया। मुझे ताज्जुब हुआ कि पड़ोसी देश इतना बड़ा सम्मान दे रहा है और पापाजी मना कर रहे हैं?
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