शरदकालीन गन्ने की बुवाई के साथ सहफसली लाभदायक 

Update: 2017-06-10 16:27 GMT
फाइल फोटो।

हरिनरायण शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोंडा। विकास खंड रूपईडीह की ग्राम पंचायत फरेंदा शुक्ल में गन्ना किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में शरदकालीन बुवाई में सहफसली पर जोर दिया गया। साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए बीज शोधन अपनाने की अपील की गई।

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मुख्य अतिथि डीसीओ पीएन सिंह ने कहा,“ किसान शरदकालीन गन्ने की बुवाई में सहफसली का उत्पादन कर आय बढ़ा सकते हैं। इसमें सरसों, सब्जी, गेहूं उगाया जा सकता है। कई किसानों ने सहफसली गन्ने की बुवाई कर लाभ कमाया है। गन्ने का बीज शोधन कर बुवाई की जाए, जिसमें गन्ने की गांठ को गुनगुना पानी में दवा डालने के बाद डूबोया जाए और बाहर निकालने के बाद खेत में बुवाई की जाए। इससे गन्ने का बीज कम लगता है और पौध स्वस्थ लगती है।”

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सहफसली में लाही-गन्ना, आलू-गन्ना, मटर-गन्ना, धनिया-गन्ना आदि फसल उगायी जा सकती है। वरिष्ठ गन्ना निरीक्षक देवेद्र नाथ पांडेय ने कहा,“ गन्ना नकदी फसल है, जिसका उत्पादन दवाओं का उपयोगकर बढ़ाया जा सकता है। अंकुर छेदक व चोटी भेदक को राकने के लिए कोराजन का उपयोग किया जाता है। गन्ने की बुवाई तीन से चार फुट पर की जाती है।” वहीं इस असवर पर काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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