दीमक के प्रकोप ने किसानों की उड़ा दी नींद

Update: 2017-05-27 15:47 GMT
दीमक और फफूंदी फसलों को नष्ट कर देते हैं, जिससे किसानों की फसल नष्ट हो जाती है।

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बाराबंकी। किसान फसलें उगाने के लिए बड़ी मेहनत करते हैं। फसलें उगाने के लिए उन्हें काफी पैसा भी खर्च करना पड़ता है, लेकिन मिट्टी में पनपने वाले दीमक और फफूंदी फसलों को नष्ट कर देते हैं, जिससे किसानों की फसल नष्ट हो जाती है।

दीमक एक ऐसा कीट है, जिस वस्तु या किसी खेत में लग जाए उसे पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है। कई बार दीमक किसान की लहलहाती फसल को चट कर जाती हैं।जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में सूरतगंज ब्लॉक में आजकल दीमक का प्रकोप फैला हुआ है।

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टांड़पुर निवाशी रामचंद्र (38 वर्ष) बताते हैं, “ मैंने अपने खेत में मेंथा की खेती की थी। हमारी मेंथा की खेती बहुत अच्छी चल रही थी फसल ऐसे लहलहा रही थी मानो इस बार हमें बहुत फायदा होगा। लेकिन फसल लगाने के 15 दिन बाद ही उसमें दीमक का प्रकोप दिखने लगा। मैंने खेत में नमक के घोल का छिड़काव किया पर मेरी ये मेहनत भी बेकार होती दिखी। मेरी पूरी फसल बर्बाद हो गई।” वहीं सूरतगंज ब्लॉक के गाँव के निवासी राम सोहरत (60 वर्ष) बताते हैं, “ मैंने गन्ने की खेती की थी लेकिन न जाने कहां से दीमक लग गई। मेरी पूरी गन्ने की फसल बर्बाद हो गई।”

फतेहपुर ब्लॉक के बेलहरा निवासी रामकिशोर मौर्य (50वर्ष) बताते हैं,” हमारे पास मात्र पांच बीघा जमीन है। चार महीने पहले हमारे खेत में दीमक लग गई और पूरी फसल खराब हो गई। मेरे सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है।

केवीके सीतापुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैँ, “दीमक की समस्या से निपटारा पाने के लिए किसान भाईयों को खेत में ताजा गोबर या कच्ची खाद प्रयोग नहीं करनी चाहिए। यदि धान लगाना चाहते हैं तो रोपाई के दूसरे या तीसरे दिन क्लोरोपायरीफॉस 1.5 ली. / एकड प्रयोग करें। यदि खेत मे पानी कम रुकता है तो दानेदार दवा फिपरोनिल 8-10 किलो./ एकड प्रयोग करें।

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वहीं पल्हरी निवासी सुखदेव उम्र (45वर्ष) ने बताया,“ जिस खेत में दीमक लगा हो उस खेत में पानी लगाते समय पानी की नाली में जला मोबिल डाल दें , उसकी गन्ध से दिमक मर जाएंगे।”

क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ

कृषि विशेषज्ञ डॉ़ एसपी सिंह का कहना है, “किसान भाई खेत की फसल काट कर खेत खुला छोड़ देते हैं, खेत में नमी या खरपतवार से दीमक लग जाती है। किसानों को चाहिए की अप्रैल के महीने में अपनी फसल काटने के बाद खेत की जुताई कर देनी चाहिए ताकि 40 से 43 डिग्री के तापमान में खेत की नमी खत्म हो जाए और दीमक मर जाए।

दीमक को इतनी आसानी से खत्म नही किया जा सकता है, क्योंकि दीमक की मादा रानी खेत की सतह से एक मीटर नीचे रहती है। किसानों को चाहिए की फसल बुवाई के समय बीजों को बिबेरिया बेसियाना नामक फफूंदनाशक घोल में बीजों का उपचारित कर लें।”

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