अपर्णा को मिला ससुर मुलायम और जेठानी डिंपल यादव का साथ, डिंपल ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां, मांगे वोट

Update: 2017-02-15 22:51 GMT
लखनऊ में नाके चौराहे पर जनसभा में डिंपल यादव।

लखनऊ। कन्नौज से सांसद डिंपल यादव लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने समाजवादी सरकार को दोबारा सत्ता में लाने का मन बना लिया है। डिंपल लखनऊ के नाका हिंडोला की इस जनसभा में अपनी देवरानी अपर्णा यादव के लिए वोट की अपील करने आईं थी। लखनऊ कैंट से अपर्णा यादव, कांग्रेस से बीजेपी में पहुंची रीता बहुगुणा जोशी को टक्कर दे रही हैं। इस मौके पर डंपल यादव ने कहा कि अपर्णा युवा हैं वो बेहतर काम करेंगी।

पहली बार चुनावी मैदान में उतरी अपर्णा यादव काफी आत्मविश्वास से भरी हुई नज़र आईं, उन्होंने मंच से लोगों को समाजवादी पार्टी के लिए नारे भी लगवाए और कहा कि बाकी पार्टिंयां काफी आतंकित लग रही हैं क्योंकि वो जानती हैं कि जीत समाजवादी पार्टी की ही होगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस बार तो साइकिल के साथ हाथ भी है इसलिए साइकिल और तेज़ चलेगी।

अपर्णा को मिला ससुर मुलायम और जेठानी डिंपल यादव का साथ

सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिम्पल यादव ने समाजवादी परिवार में ‘ऑल इज वेल' का संदेश देते हुए आज अपनी देवरानी और लखनऊ छावनी विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार अपर्णा यादव के पक्ष में प्रचार किया। वहीं मुलायम सिंह ने भी छोटी बहु के लिए प्रचार करते हुए कहा कि आप लोग अपर्णा को जिताएंगे तो वो आपकी सेवा करेगी।

रैली में शामिल अपर्णा और डिंपल यादव।

लखनऊ के नाका चौराहे पर एक चुनावी सभा में अपर्णा को साथ लेकर खडी डिम्पल ने राज्य की सपा सरकार के विकास कार्यों का जिक्र किया और भाजपानीत केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किये। उन्होंने कहा ‘‘सपा लोगों को जोडने का काम करती है। हमने ताज नगरी आगरा और लखनउ को एक्सप्रेस-वे से जोडने का काम किया है। ऐसा हाईवे भारत में कहीं नहीं है। यह विकास का एक्सप्रेसवे है। यह हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार का एक्सप्रेसवे है। हम इस एक्सप्रेसवे को बलिया तक ले जाना चाहते हैं। इसके लिये अपर्णा को जिताकर सपा को मजबूत करिये।'' समाजवादी परिवार में हाल के महीनों में हुए विवाद के बाद सब कुछ ठीक होने का संदेश देने की कोशिश कर रही सपा सांसद ने कहा कि मेट्रो के लिये सबसे पहले लखनऊ के छावनी क्षेत्र में ही काम हुआ है। यहां हमने कैंसर इंस्टीट्यूट भी बनवाया है। राज्य की अखिलेश यादव सरकार के विकास कार्यों की वजह से ही विरोधी हताश हैं और उनका रक्तचाप बढ़ रहा है।

कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच डिम्पल ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘मैं आप लोगों से पूछना चाहती हूं कि आखिर केंद्र सरकार ने क्या किया। उसने आप लोगों को नोटबंदी दी है। पूरे देश को लाइन में खड़ा कर दिया। हमारे छोटे व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ है। लखनऊ कारीगरों की भी नगरी है, उन्हें परेशान किया। हमारी अर्थव्यवस्था पीछे हो गयी है।"

कन्नौज से सपा सांसद डिम्पल ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाने वाली भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘जब उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया जाता है, तो कुछ अजीब लगता है, क्योंकि यह तो पूरे देश का मसला है। चाहे महाराष्ट्र हो या गुजरात। मैं प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठा रही उमा भारती से कहती हूं कि वह गुजरात जाकर यह मुद्दा उठाएं और वहां भाजपा के गुंडों से महिलाओं को बचाएं।'' डिम्पल का इशारा गुजरात के कच्छ जिले में एक महिला से हुए कथित रुप से सामूहिक बलात्कार की घटना की तरफ था। इस काण्ड में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं पर आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि सपा मन की बात नहीं बल्कि काम की बात में विश्वास करती है। वह अपने वादे को जमीन पर उतारकर दिखाती है। सपा प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाएगी।

मुलायम ने छोटी बहू के लिए मांगे वोट, कहा अपर्णा जीती तो करेगी क्षेत्र की सेवा

इससे पूर्व, सपा संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा के लिए वोट मांगते हुए वादा किया कि पार्टी सत्ता में आये अथवा नहीं, वह अपने वादे पूरे करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी की सरकार बनती है तो जाहिर है कि अधिक काम किये जा सकेंगे और बेहतर तरीके से किये जा सकेंगे।

तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम ने अपने शासनकाल में महिला कल्याण, गरीबों और मजदूरों के लिए किये गये कार्यों का जिक्र किया है। मुलायम ने कहा कि यह चुनाव राजनीति में उनके सम्मान से जुडा है और अपर्णा को समर्थन के लिए वह इस क्षेत्र के लोगों के प्रति आभारी रहेंगे। समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर चले संघर्ष में लगभग अलग-थलग पड़े मुलायम ने इस चुनाव में अब तक कुल तीन रैलियां की है, जिनमें से दो जसवंतनगर से चुनाव लड रहे छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के लिए थीं।

मुलायम ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल 1990 में हुए राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी परिस्थितियों का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने देश की एकता अखंडता की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाये और अपनी सरकार अस्तित्व तक की चिंता नहीं की।


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