0

केंद्र और राज्य सरकार की पशुपालकों के लिए लाभकारी योजनाएं, दिया जा रहा 10 लाख तक का लोन

vineet bajpai | Dec 16, 2017, 15:34 IST
central government
देश भर में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों तक कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। एक तरफ केंद्र सरकार जहां राष्ट्रीय गोकुल योजना चला रही है तो वहीं मध्य प्रदेश सरकार आचार्य विधासागर गौ संवर्धन योजना चला रही है और यूपी सरकार गोपाल योजना चला रही है।

केंद्र सरकार दुग्ध उत्पाद को बढ़ाने और स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय गोकुल योजना चला रही है। ये मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीबीबीडीडी) पर केन्द्रित परियोजना है। इस अभियान के द्वारा 40% स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण किया जाता है।

इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016-17 में आचार्य विधासागर गौ संवर्धन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत पशुपालकों को 10 लाख तक का लोन दिया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार गोपालक योजना चला रही है। जिसके जरिए सरकार प्रत्येक बेरोजगार को वित्तीय सहायता देगी। ये वित्तीय सहायता दूध डेयरी शुरु करने के लिए दी जाएगी ताकि बेरोजगार युवक अपने लिए रोजगार स्थापित करने में सफल हो सके।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य -



  • इस योजना के अंतर्गत स्वदेसी जाती के गायो का संरक्षण और विकास किया जाता है।
  • दूध उत्पादन और स्वदेशी पशुधन की उत्पादकता बढ़ाना है।
  • गिर, साहीवाल, राठी, लाल सिंधी तरह की स्वदेशी गायो की अभिजाती वर्ग बढ़ाना है।
  • प्राकृतिक सेवा के द्वारा स्वदेशी नस्लों को रोग मुक्त कराना है।
आचार्य विधासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ कोई भी ले सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालक के पास पांच पशुओं के लिए कम से कम एक एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से आनुपातिक रूप से वृद्धि करते हुए न्यूनतम कृषि भूमि का निर्धारण किया जाएगा। इस योजना के लिए वर्ष 2016-17 के बजट सत्र में 27.15 करोड़ रुपए बजट जारी किया गया था। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/उपसंचालक पशु चिकित्सा से संपर्क कर सकते हैं।

आचार्य विधासागर गौ संवर्धन योजना का उद्देश-



  • दुग्ध उत्पादन में वृद्धि
  • पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना|
  • पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि
  • रोजगार के अवसर प्रदाय करना।

योजना इकाई लागत

  • पशुपालक न्यूनतम 5 या इससे अधिक पशु की योजना स्वीकृत करा सकेगा तथा परियोजना की अधिकतम सीमा राशि रु. 10 लाख तक होगी।
  • परियोजना लागत की 75% राशि बैंक ऋण के मध्यम से प्राप्त करनी होगी तथा शेष राशि की व्यवस्था मार्जिन मनी सहायता एवं हितग्राही का स्वयं के अंशदान के रूप में करनी होगी।
  • इकाई लागत के 75% पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से (अधिकतम रु. 25,000 प्रतिवर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक विभाग द्वारा की जाएगी। 5 प्रतिशत से अधिक शेष ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करना होगा।

मार्जिन मनी सहायता

  • सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का 25% अधिकतम रु. 1.50 लाख।
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु परियोजना लागत का 33%, अधिकतम रु.2 लाख।
  • उत्तर प्रदेश सरकार गोपालक योजना योजना के तहत रोजगार के लिए बैंक से दो किस्तों में ऋण देगी। इस योजना में विभाग की ओर से 40 हजार रुपए प्रति वर्ष 5 वर्षो तक प्रदान करेगी।

क्या है उत्तर प्रदेश की गोपालक योजना



यूपी राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सपा सरकार द्वारा कामेधेनु योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन कुछ कमियों की वज़ह से यह योजना सामान्य किसान या पशुपालक तक न पहुंच कर, पूंजीपतियों तक सीमित रह गई। इसलिए इसे एक बार फिर राज्य में शुरु किया गया है लेकिन अब इस योजना के नाम के साथ स्वरुप में भी बदलाव किया गया है। बता दें इस योजना का नाम गोपालक योजना रखा गया है जिसके तहत पशुपालक पांच या दस पशुओं की डेयरी खोल सकते है। हलांकि अभी तक ये योजना जमीनी स्तर पर शुरू नहीं की गई है।

स्कीम की पूरी प्रक्रिया

इस योजना में 10-20 गाय रखने वाले पशुपालको को लाभ दिया जाएगा। योजना में सभी पशुपालको को लाभ दिया जाएगा व इसके तहत पशुपालक 5-10 पशुओं की डेयरी खोल सकते हैं। इस योजना को दो भागों में बांटा गया है। पहला भाग में पांच और दूसरे भाग में पांच पशु खरीदने के लिए धनराशि दी जाएगी।

ऐसा होगा लाभार्थी का यचन

योजना में ऐसे लाभार्थी का चयन होगा, जो पशुपालन में रुचि व अनुभव रखता हो। उसे अपने क्षेत्र के चिकित्साधिकारी को आवेदन तीन फोटोकॉपी देनी होगी। बैंक से लोन के लिए सहमति पत्र देने वालों को वरीयता दी जाएगी। डिप्टी सीवीओ व चिकित्साधिकारी अपनी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को देंगे। इसकी सूची निदेशालय को देनी होगी।

शासन से लक्ष्य मिलने पर चयन समिति द्वारा 10 फीसदी अतिरिक्त लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। डेयरी लगाने में असमर्थ लाभार्थियों के नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल किए जाएंगे। चयन सूची की प्रति निदेशालय को देनी होगी। चयन समिति में सीडीओ अध्यक्ष, सीवीओ सचिव व नोडल अधिकारी सदस्य शामिल हैं।

पशु क्रय का मापदंड



  • योजना के तहत, पशु प्रदेश के पशु मेलों से ही खरीदे जाएंगे।
  • इनकी खरीद के बाद या खरीदने के दौरान एक बार पुष्टि की जाएगी कि प्रत्येक पशु 10 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन कर सके।
  • ये पशु दो माह से अधिक के व्यात के नहीं होने चाहिए।
  • पशु रोगमुक्त व स्वस्थ होने चाहिए और उसका बीमा पशुधऩ बीमा के तहत होना चाहिए।
  • योजना महत्वपूर्ण जानकारी जिनसे मिलेगा सबको फायदा
  • इस योजना में 10 पशुओं के हिसाब से 1.08 लाख की लागत से पशुशाल स्वयं बनानी होगी।
  • पशुपालन विभाग आवेदन होने पर बैंक से पहले साल पांच पशुओं के लिए 3.60 लाख रुपए दिए जाएंगे।
  • पशुपालक पांच पशु ही पालने चाहते है तो उन्हें दूसरी किस्त नहीं दी जाएगी, यदि वह और पशु पालने चाहते है तो 3.60 लाख रुपए की दूसरी किस्त बैंक से उपलब्ध कराई जाएगी।
  • गोपालक योजना की कुल नौ लाख की लागत में 1.80 लाख रुपए पशुपालक को लगाने हैं।
  • शेष 7.20 लाख रुपए की धनराशि पर बैंक 40 हजार रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से अनुदान भुगतान देगा।
  • पशुपालक केवल पांच पशु ही पालके हैं तो अनुदान की राशि 20 हजार रुपए रुपए प्रति वर्ष अनुदान दिया जाएगा यानि पांच पशु पालने पर एक लाख और 10 पशु पालने पर दो लाख रुपए अनुदान मिलेगा।
  • ये राज्य की पहली योजना है जिसके तहत पशुओ को फ्री में दवाई उपलब्ध की जाती है।

ये भी पढ़ें -



Tags:
  • central government
  • milk production
  • UP government
  • gopalak scheme
  • Government of Madhya Pradesh
  • Indigenous cow
  • National gokul scheme
  • Acharya Vidhasagar Cow Strengthening Scheme

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.