ज्यादा बारिश से बर्बाद हुई अरहर, इन फसलों पर भी खतरा
गाँव कनेक्शन | Jul 11, 2017, 20:36 IST
अंबरीश राय, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
गगहा (गोरखपुर)। पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश से खरीफ सीजन की कई फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक नुकसान अरहर की फसल को पहुंचा है। इसके अलावा सोयाबीन, उड़द, मूँग और मूँगफली की फसल भी प्रभावित है। लगातार हो रही बारिश के चलते खेत जलमग्र हो चुके हैं। कई जगहों पर धान की रोपाई नहीं हो पा रही। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई माह में अब तक 373.4 मीमी बारिश हो चुकी है। ऐसे में किसानों के सामने कोई विकल्प नहीं बचा है। तेज बारिश के चलते खेती-किसानी के सभी काम ठप हैं।
तेज बारिश से सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि नौकरीपेशा लोग भी परेशान हैं। आलम यह है कि अरहर से लेकर सोयाबीन और मूंगफली तक के खेत पानी से लबालब हो चुके हैं। फसल बचाने की कोशिशें भी नाकाम होने लगी हैं। किसान चाह कर भी खेत का पानी नहीं निकाल पा रहा, क्योंकि आस-पास के दूसरे खेत व नहरें भी लबालब भरी हुई हैं।
अरहर की फसल बर्बाद होने से चिंतित किसान।डॉ. संजय सिंह, उपकृषि निदेशक, गोरखपुर।
केपी पाण्डेय, मौसम वैज्ञानिक, भारत मौसम विज्ञान केंद्र, गोरखपुर।
उरूवा ब्लॉक के पचोह गाँव निवासी रामबचन यादव (52 वर्ष) ने बताया, “ बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अरहर की फसल बर्वाद हो चुकी है। खेत में पानी भर गया है।” वहीं, गगहा ब्लॉक के चांडी गाँव निवासी चंद्रभान राय (60 वर्ष) ने बताया, “ बारिश के चलते अरहर और सोयाबीन की फसल बर्वाद हो चुकी है। धान के खेत जलमग्र पड़े हैं। खेती किसानी का काम ठप है।”
ब्रह्मपुर ब्लॉक के बनकट गाँव निवासी मैनेजर प्रसाद (71 वर्ष) कहते हैं, “ अरहर के पौधे अभी काफी छोटे हैं। ऐसे में खेत में पानी लग जाने से शायद ही कुछ बचे।” गगहा ब्लॉक के नरायनपुर गाँव निवासी राजन तिवारी (32 वर्ष) ने बताया, “बारिश से खेती का काम ठप पड़ा है। हालात यहां तक खराब हैं कि घर से निकलना मुश्किल हो चुका है।”
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गगहा (गोरखपुर)। पूर्वांचल में लगातार हो रही बारिश से खरीफ सीजन की कई फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक नुकसान अरहर की फसल को पहुंचा है। इसके अलावा सोयाबीन, उड़द, मूँग और मूँगफली की फसल भी प्रभावित है। लगातार हो रही बारिश के चलते खेत जलमग्र हो चुके हैं। कई जगहों पर धान की रोपाई नहीं हो पा रही। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई माह में अब तक 373.4 मीमी बारिश हो चुकी है। ऐसे में किसानों के सामने कोई विकल्प नहीं बचा है। तेज बारिश के चलते खेती-किसानी के सभी काम ठप हैं।
तेज बारिश से सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि नौकरीपेशा लोग भी परेशान हैं। आलम यह है कि अरहर से लेकर सोयाबीन और मूंगफली तक के खेत पानी से लबालब हो चुके हैं। फसल बचाने की कोशिशें भी नाकाम होने लगी हैं। किसान चाह कर भी खेत का पानी नहीं निकाल पा रहा, क्योंकि आस-पास के दूसरे खेत व नहरें भी लबालब भरी हुई हैं।
अरहर की फसल बर्बाद होने से चिंतित किसान।
तेज बारिश के चलते किसानों की अरहर फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा उड़द, मूंग व मूंगफली की फसलें भी प्रभावित हुईं हैं। धान की रोपाई जारी है, इसलिए धान के नुकसान का अनुमान कम हैं। हालांकि, बारिश नहीं खुली तो धान की खेती भी असर पड़ सकता है।
पूर्वांचल में जुलाई महीने में हो रही बारिश औसत से ज्यादा है। अब तक हुई बारिश के अनुसार औसत का आधा पानी गिर चुका है। 14 जुलाई तक बारिश होते रहने की संभावना है।
उरूवा ब्लॉक के पचोह गाँव निवासी रामबचन यादव (52 वर्ष) ने बताया, “ बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अरहर की फसल बर्वाद हो चुकी है। खेत में पानी भर गया है।” वहीं, गगहा ब्लॉक के चांडी गाँव निवासी चंद्रभान राय (60 वर्ष) ने बताया, “ बारिश के चलते अरहर और सोयाबीन की फसल बर्वाद हो चुकी है। धान के खेत जलमग्र पड़े हैं। खेती किसानी का काम ठप है।”
ब्रह्मपुर ब्लॉक के बनकट गाँव निवासी मैनेजर प्रसाद (71 वर्ष) कहते हैं, “ अरहर के पौधे अभी काफी छोटे हैं। ऐसे में खेत में पानी लग जाने से शायद ही कुछ बचे।” गगहा ब्लॉक के नरायनपुर गाँव निवासी राजन तिवारी (32 वर्ष) ने बताया, “बारिश से खेती का काम ठप पड़ा है। हालात यहां तक खराब हैं कि घर से निकलना मुश्किल हो चुका है।”
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