जैविक गुड़ बनाकर एक एकड़ गन्ने से कमा रहे डेढ़ से ढाई लाख रुपए मुनाफा
Neetu Singh | Dec 26, 2017, 16:32 IST
गुड़ के शौकीन लोगों को अगर जैविक गुड़ का स्वाद चखना है तो मध्यप्रदेश के इस किसान का गुड़ जरूर खाएं। जो न सिर्फ स्वादिष्ट जैविक गुड़ बना रहे हैं बल्कि इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के किसान राकेश दुबे गन्ने की खेती करने वाले अपने क्षेत्र के सफल किसानों में से एक हैं। जो पिछले 20 साल से गन्ने की खेती कर रहे हैं। इनके पास 40 एकड़ खेत है जिसमें 25 से 30 एकड़ में ये हर साल गन्ने की खेती करते हैं। राकेश दुबे गन्ने की खेती का अपना 20 साल का अनुभव साझा करते हुते बताते हैं, "गन्ना किसानों को बाजार में गन्ने का न तो सही भाव मिलता है और न ही समय से पैसा मिलता है। इसलिए हमारे जिले के किसान ज्यादातर गन्ने का उत्पाद बनाकर ही बेचते हैं। मैंने ये काम बड़े पैमाने पर जैविक तरीके से करना शुरू कर दिया है।"
नरसिंहपुर में बनता जैविक गुड़ उनका कहना है, "जैविक गन्ने में लागत कम आती है, जैविक गुड़ का भाव अच्चा मिलता है। गन्ने की फसल के साथ सहफसल में गेंहूँ, चना, मटर, लहसुन, राजमा की फसलें इतना उत्पादन दे देती हैं जिससे उस साल की पूरी लागत निकल आती है। पिछले साल 14 एकड़ गन्ने में 20 लाख से ज्यादा मुनाफा कमाया था।" नरसिंहपुर में राकेश दुबे ही तरह कई किसान है जो जैविक गुड़ बनाकर अच्छा उत्पादन ले रहे हैं।
देखें राकेश दुबे का वीडियो-
नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर करताज गाँव के रहने वाले राकेश दुबे वर्ष 1994 से गन्ने का गुड़ बनाकर बेच रहे थे। जब ये रासायनिक खेती से जैविक खेती की तरफ बढ़े तो इन्होंने वर्ष 2014 से जैविक गुड़ बनाने की शुरुआत चार एकड़ से कर दी।
राकेश बताते हैं, "उस समय जब रासायनिक गुड़ बाजार में 18 रुपए में था उस समय मेरा गुड़ 32 रुपए किलो बिका। लोगों ने पहली साल हमें जैविक गुड़ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पिछले साल हमने 14 एकड़ का जैविक गुड़ 430 कुंतल बनाया था जिसमें दो से ढाई लाख रुपए प्रति एकड़ का इजाफा हुआ था। इस साल मैं 28 एकड़ का जैविक गुड़ बनाऊंगा।" वह बताते हैं कि एक कुंतल गन्ने से 13 किलो जैविक गुड़ बनता है।
राकेश दुबे बरसात में गन्ने का सिरका भी बनाते हैं वो आगे बताते हैं, "मेरे बनाए जैविक गुड़ की मांग पूरे भारत में होती हैं। अगले महीने दुबई और श्रीलंका में गुड़ जाएगा। इस समय गुड़ का भाव अगर कोई 10 किलो का पैकेट लेता है तो 65 रुपए किलो है, फुटकर 72 रुपए किलो है। गुड़ के अलावा चीनी, राब (सीरा गुड़), बरसात में सिरका भी बनाते हैं।"
राकेश ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी 40 एकड़ जमीन में से 35 एकड़ जमीन को पूरी तरह से जैविक तरीके से करना शुरू कर दिया है। जिसमें 28 एकड़ गन्ना है। इन्होंने गन्ने की पौध नर्सरी तरीके से बुआई करके एक एकड़ में 30 से 40 कुंतल बीज की बजाए दो से ढाई कुंतल बीज से अच्छा उत्पादन लिया है।
और भी किसान कर रहे हैं जैविक गुड़ का उत्पादन
कुशल मंगल नाम से प्रसिद्ध है ये जैविक गुड़
साधारण किसान भी कर सकता है जैविक गुड़ बनाने की शुरुआत
ये है देशी राब (सीरा वाला गुड़)
कुशल मंगल नाम से है प्रसिद्ध
राकेश बताते हैं, "एक एकड़ में जैविक गुड़ 30 से 35 कुंतल निकलता है जबकि रासायनिक गुड़ 50 से 60 कुंतल निकलता है। जैविक गुड़ की मार्केटिंग खुद करनी पड़ती है, भाव अच्छा मिलने से मुनाफा ज्यादा होता है। जैविक गन्ने की लागत भी कम आती है।" अभी सबसे ज्यादा इनका गुड़ चंडीगढ़ जाता है, हैदराबाद, जयपुर, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में भी इसकी मांग है।
ऐसे बनती है देशी राब
राकेश को कई अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित
जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा 'कृषक फेलो सम्मान 2016 प्रदान किया गया, यह सम्मान गन्ना में बीज की लागत मूल्य कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों, जैविक उत्पादों के उपयोग एव गुड़ उत्पाद की गुणवत्ता सुधार के लिए दिया गया।
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जैविक गुड़ की ऐसे होती है पैकेजिंग