दुनिया के इन देशों में होती है पानी की खेती, कोहरे से करते हैं सिंचाई
Anusha Mishra | Mar 22, 2018, 12:49 IST
इस धरती पर एक ऐसी जगह भी है, जहां पानी की खेती होती है। आज हम आपको रेगिस्तान में पानी उपजाने की अनूठी तक़नीक से रू-ब-रू कराएंगे।
ये ख़बर उन देशों की है, जहां पानी का किल्लत है, लेकिन इन लोगों ने पानी संकट पर लगभग विजय पा ली है.. ये तो ओस और हवा से पानी बना लेते हैं..
दुनिया के इन देशों में होती है पानी की खेती
विज्ञान की तरक्की के साथ ही इंसान की तरक्की भी तय होती है और ऐसी ही मोरक्को के लोगों ने रेगिस्तान में पानी की खेती संभव कर इसकी मिसाल पेश की है, वरना कौन सोच सकता है कि रेगिस्तान की बंजर ज़मीन जहां पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते हैं, वहां पानी की खेती भी हो सकती है।
नॉर्थ अफ्रीका के देश मोरक्को में पानी की खेती होती है। यहां हवाओं की नमी को इकट्ठा करने वाली अनूठी तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों ने रेगिस्तान की भूमि को पानी से सींचने का काम कर दिखलाया है। इस अनूठी तरकीब से मोरक्को के पांच गाँवों के 400 लोगों को पीने का पानी मिल रहा है।
रेगिस्तान में बड़े-बड़े जाले लगाकर एकत्र करते हैं कोहरा
पेरू में भी इसी तरह मिलता है पीने का पानी
वीडियो के मुताबिक, इस क्षेत्र में लगभग 2500 ऐसे लोग हैं जिन्हें पीने का पानी भी नसीब नहीं होता। उन्हें इससे बहुत फायदा हुआ है। इससे पहले लीमा में पानी वाटर ट्रक्स में भरकर आता था और लोग इसके लिए 10 गुना ज़्यादा पैसा ख़र्च करते थे। ये पानी इतना साफ भी नहीं होता था कि इसका इस्तेमाल पीने के लिए किया जाए। शहर में रहने वाली फेलिज़ा विंसेट बताती हैं, 'हमें वाकई नहीं पता था कि हम किस तरह का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन हमारे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था। हमें तो ये भी नहीं पता था कि ये पानी आता कहां से है। कई बार हमारे पास ऐसा पानी था जो दूषित और गंदा होता था, कभी हमें कई दिनों तक बिना पानी के भी गुजारा करना पड़ता था, इसलिए हमें इस पानी की ज़रूरत थी। पानी की इसी समस्या को दूर करने के लिए क्रिएटिंग वाटर फाउंडेशन ने कोहरे से पानी बनाने की शुरुआत की। अब यहां के लोगों की पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है।
इजरायल में भी हवा को निचोड़कर करते हैं सिंचाई
ताल-या वाटर टेक्नोलॉजी ने दोबारा प्रयोग में लिए जाने वाले ऐसे प्लास्टिक ट्रे का निर्माण किया है जिससे हवा से ओस की बूंदें एकत्र की जा सकती है। दांतेदार आकार का ये ट्रे प्लास्टिक को रीसाइकिल करके बनाया जाता है। इसमें यूवी फिल्टर और चूने का पत्थर लगाकर पेड़ों के आसपास इसे लगाया जाता है। रात को ये ट्रे ओस की बूंदों को साख लेता है और बूंदों को पौधों की जड़ों तक पहुंचाता है। इसके निर्माता अवराहम तामिर बताते हैं कि ट्रे कड़ी धूप से भी पौधों को बचाता है। इस विधि से पौधों की 50 प्रतिशत पानी की जरूरत पूरी हो जाती है।