हरियाणा-पंजाब में जलाई गई पुआल से मेरठ में छाई धुंध

Sundar ChandelSundar Chandel   30 Oct 2017 4:02 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
हरियाणा-पंजाब में जलाई गई पुआल से मेरठ में छाई धुंधप्रतीकात्मक फोटो 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण का असर अब मेरठ में भी दिखने लगा है। देर रात से शुरू हुई धुंध सुबह छह बजे तक दिखाई दे रही है। इस धुंध का असर सीधा हार्ट के मरीजों पर पड़ रहा है। इससे जहां हार्ट मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, वहीं आंखों में जलन भी शुरू हो गई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने धुंध से बचने की सलाह दी है, ताकि किसी भी आने वाली परेशानी से बचा जा सके।

हरियाणा और पंजाब में बड़े स्तर पर जलाई गई पुआल के चलते वेस्ट यूपी का मौसम बदल रहा है। पिछले चार दिनों से इसका असर दिखाई दे रहा है। दो दिन पहले तक मौसम साफ था और दिन का पारा भी 32 डिग्री से उपर चल रहा था, लेकिन अब धुंध के कारण सुबह का पारा 15 डिग्री तक पहुंच गया है, वहीं दिन में भी 27 के आसपास तापमान दर्ज किया गया। दिल्ली में यह धुंध दो सप्ताह पहले से ही दिखनी षुरू हो गई थी। रविवार को भी शाम होते ही सड़कों पर धुंध दिखाई देने लगी थी।

ये भी पढ़ें- वायु प्रदूषण कम करने को 12 स्थानों पर लगेंगे एयर क्वालिटी मीटर

सांस के मरीजों को खतरा

धुंध से सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। जलाई गई पुआल और प्रदूषण के चलते आंखों में जलन और एलर्जी पैदा हो रही है।

मेरठ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ. विवेक सोनी के अनुसार इस वक्त हवा घुलने वाले पॉटिकल्स बहुत ही खतरनाक होते हैं। ये सांस के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

60 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या

ह्रदय रोग विषेशज्ञ डॉ. अभिनव खंडेलवाल बताते हैं, "प्रदूषण के चलते पड़ने वाली धुंध ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। जैसे ही धुंध दिखनी शुरू हुई है सांस के मरजों में 60 फीसदी तक इजाफा हो गया है। बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों से सांस संबंधी बीमारी हो रही हैं।

वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. विरोत्तम तोमर बताते हैं, "इस समय वातावरण में प्रदूषण का लेवल इतना हाई है कि एक आदमी 24 घंटे में 40 सिगरेट के बराबर धुंआ झेल रहा है। जो सुबह से शाम तक मुंह से फेफड़ों तक पहुंच रहा है।

वरिष्ठ फिजीशियन विश्वजीत बैंबी का कहना है कि इस मौसम में अस्थमा व दमा के इतने मरीज पहले कभी नहीं देखे। 10-15 साल के कार्यकाल में इतनी संख्या में अक्टूबर में मरीज नहीं देखे हैं। प्रदूषण का लेवल बढ़ने से बड़ी संख्या में लोग गले में एलर्जी व सांस के मरीज बनते जा रहे हैं

ये भी पढ़ें- प्रदूषण से मौतों में भारत पांचवें स्थान पर, एक साल में 25 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत

अचानक आएगी ठंड

भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के मौसम वैज्ञानिक डॉ. शमीम अहमद बताते हैं कि जम्मु कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश से वेस्ट यूपी में ठंड बढ़ेगी। सुबह धुंध के साथ कोहरा बढ़ेगा। साथ ही यदि बारिश पड़ती है तो रात का पारा 12 डिग्री तक पहुंच सकता है।]

दिल्ली के नजदीक होने के चलते मेरठ की हवा भी सर्दी में ज्यादा विषैली हो जाती है, इसलिए इस मौसम में सतर्क रहकर ही बचा जा सकता है।
राजकुमार चौधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मेरठ

अब ये करें आप

  • सुबह और शाम बाहर जाने से बचें
  • जल्दी सुबह पार्क में योग करना दो माह के लिए बंद कर दें, धुंध उतरने पर योग करें
  • घर से निकलते वक्त मॉस्क या हल्के कपड़े से मुंह कवर कर लें
  • घर पर नियमित रूप से योग प्रणायाम करें
  • चाय-दूध, सूप या अन्य लिक्विड पदार्थों का ज्यादा सेवन करें

ये भी पढ़ें- इंटरव्यू : ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर रखें नियंत्रण वर्ना लकवे का हो सकते हैं शिकार

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.