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Right Time to Drink Water: खाने से पहले या बाद में पानी पीना, आज ही जान लें ये ज़रूरी नियम
Right Time to Drink Water: खाने से पहले या बाद में पानी पीना, आज ही जान लें ये ज़रूरी नियम

By Preeti Nahar

खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए या नहीं, ये सवाल अभी भी कन्फ्यूज़न का पार्ट बना हुआ है। कभी किसी ने कहा कि इससे पाचन खराब होता है, तो किसी ने बताया कि इससे मोटापा बढ़ता है। लेकिन सच क्या है? क्या सचमुच खाने के तुरंत बाद पानी पीना नुकसान करता है या फिर यह बस एक मिथ है? इन्ही सवालों के जवाब जानिए डायटिशियन से।

खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए या नहीं, ये सवाल अभी भी कन्फ्यूज़न का पार्ट बना हुआ है। कभी किसी ने कहा कि इससे पाचन खराब होता है, तो किसी ने बताया कि इससे मोटापा बढ़ता है। लेकिन सच क्या है? क्या सचमुच खाने के तुरंत बाद पानी पीना नुकसान करता है या फिर यह बस एक मिथ है? इन्ही सवालों के जवाब जानिए डायटिशियन से।

खाने के तुरंत बाद पानी पीना सही या गलत? जानिए पूरा सच |
खाने के तुरंत बाद पानी पीना सही या गलत? जानिए पूरा सच |

By Preeti Nahar

डायबिटीज है? तो ध्यान दें
डायबिटीज है? तो ध्यान दें

By

डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।

डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।

अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी
अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी

By Gaon Connection

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं
रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं

By Gaon Connection

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ
जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ

By Gaon Connection

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

सिंघाड़े के आटे और पाउडर की मांग तेजी से बढ़ी, कई रोगों की है दवा
सिंघाड़े के आटे और पाउडर की मांग तेजी से बढ़ी, कई रोगों की है दवा

By Moinuddin Chishty

सिंघाड़े के अलावा सिंघाड़े के आटे की मांग भी पहले की तूलना में बढ़ी है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। थायराइड और घेंघा रोग को दूर करने में सिंघाड़े के आटे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

सिंघाड़े के अलावा सिंघाड़े के आटे की मांग भी पहले की तूलना में बढ़ी है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। थायराइड और घेंघा रोग को दूर करने में सिंघाड़े के आटे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

LPG छोड़िए, अब रसोई में बिजली का जलवा - सस्ती भी, टिकाऊ भी
LPG छोड़िए, अब रसोई में बिजली का जलवा - सस्ती भी, टिकाऊ भी

By Gaurav Rai

IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

A farmer grows water chestnut on land stripped of soil; earns profit, repays loans
A farmer grows water chestnut on land stripped of soil; earns profit, repays loans

By Manish Dubey

A farmer in Kanpur district, Uttar Pradesh, has successfully grown water chestnuts on land that was stripped of its top 5-6 feet of soil. Madan Kahar is now the talk of not just his village, but several other neighbouring villages.

A farmer in Kanpur district, Uttar Pradesh, has successfully grown water chestnuts on land that was stripped of its top 5-6 feet of soil. Madan Kahar is now the talk of not just his village, but several other neighbouring villages.

कहानी उस किसान की जिसने सिंघाड़ा की खेती से मुनाफा कमाया और अपना कर्ज भी चुकाया
कहानी उस किसान की जिसने सिंघाड़ा की खेती से मुनाफा कमाया और अपना कर्ज भी चुकाया

By Manish Dubey

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक किसान ने बिना मिट्टी की खेती कर न सिर्फ मुनाफा कमाया, बल्कि उससे अपना कर्ज भी उतारा। मदन कहार ने सिंघाड़े की ऐसी खेती कि अब क्षेत्र में उनकी चर्चा होने लगी है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक किसान ने बिना मिट्टी की खेती कर न सिर्फ मुनाफा कमाया, बल्कि उससे अपना कर्ज भी उतारा। मदन कहार ने सिंघाड़े की ऐसी खेती कि अब क्षेत्र में उनकी चर्चा होने लगी है।

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