By Preeti Nahar
खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए या नहीं, ये सवाल अभी भी कन्फ्यूज़न का पार्ट बना हुआ है। कभी किसी ने कहा कि इससे पाचन खराब होता है, तो किसी ने बताया कि इससे मोटापा बढ़ता है। लेकिन सच क्या है? क्या सचमुच खाने के तुरंत बाद पानी पीना नुकसान करता है या फिर यह बस एक मिथ है? इन्ही सवालों के जवाब जानिए डायटिशियन से।
खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए या नहीं, ये सवाल अभी भी कन्फ्यूज़न का पार्ट बना हुआ है। कभी किसी ने कहा कि इससे पाचन खराब होता है, तो किसी ने बताया कि इससे मोटापा बढ़ता है। लेकिन सच क्या है? क्या सचमुच खाने के तुरंत बाद पानी पीना नुकसान करता है या फिर यह बस एक मिथ है? इन्ही सवालों के जवाब जानिए डायटिशियन से।
By Preeti Nahar
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डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।
By Gaon Connection
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।
By Gaon Connection
भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।
भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।
By Gaon Connection
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
By Moinuddin Chishty
सिंघाड़े के अलावा सिंघाड़े के आटे की मांग भी पहले की तूलना में बढ़ी है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। थायराइड और घेंघा रोग को दूर करने में सिंघाड़े के आटे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
सिंघाड़े के अलावा सिंघाड़े के आटे की मांग भी पहले की तूलना में बढ़ी है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाओं को बनाने में भी किया जाता है। थायराइड और घेंघा रोग को दूर करने में सिंघाड़े के आटे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।
By Gaurav Rai
IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।
By Manish Dubey
A farmer in Kanpur district, Uttar Pradesh, has successfully grown water chestnuts on land that was stripped of its top 5-6 feet of soil. Madan Kahar is now the talk of not just his village, but several other neighbouring villages.
A farmer in Kanpur district, Uttar Pradesh, has successfully grown water chestnuts on land that was stripped of its top 5-6 feet of soil. Madan Kahar is now the talk of not just his village, but several other neighbouring villages.
By Manish Dubey
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक किसान ने बिना मिट्टी की खेती कर न सिर्फ मुनाफा कमाया, बल्कि उससे अपना कर्ज भी उतारा। मदन कहार ने सिंघाड़े की ऐसी खेती कि अब क्षेत्र में उनकी चर्चा होने लगी है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक किसान ने बिना मिट्टी की खेती कर न सिर्फ मुनाफा कमाया, बल्कि उससे अपना कर्ज भी उतारा। मदन कहार ने सिंघाड़े की ऐसी खेती कि अब क्षेत्र में उनकी चर्चा होने लगी है।