By Gaon Connection
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
By Gaon Connection
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
By Gaon Connection
जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।
जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।
By Divendra Singh
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
By Gaon Connection
COP30 में जारी क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 ने एक बार फिर दिखाया है कि जलवायु संकट अब भविष्य की आशंका नहीं, बल्कि वर्तमान की सच्चाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1995 से 2024 के बीच भारत बार-बार बाढ़, चक्रवात, लू और सूखे जैसी चरम मौसम की घटनाओं से प्रभावित हुआ है और अब दुनिया के दस सबसे असुरक्षित देशों में नौवें स्थान पर है।
COP30 में जारी क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 ने एक बार फिर दिखाया है कि जलवायु संकट अब भविष्य की आशंका नहीं, बल्कि वर्तमान की सच्चाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1995 से 2024 के बीच भारत बार-बार बाढ़, चक्रवात, लू और सूखे जैसी चरम मौसम की घटनाओं से प्रभावित हुआ है और अब दुनिया के दस सबसे असुरक्षित देशों में नौवें स्थान पर है।
By Manvendra Singh
By Gaon Connection
संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।
By गाँव कनेक्शन
By Sundar Chandel