By Gaon Connection
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
By Divendra Singh
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
By Divendra Singh
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Gaon Connection
संवाद (Samvaad) - पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा अनोखा मंच बन गया है जो भारत और दुनिया की जनजातियों को संवाद, साझा सीख और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से जोड़ता है। इस वर्ष, संवाद 2025 का आयोजन 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा।
संवाद (Samvaad) - पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा अनोखा मंच बन गया है जो भारत और दुनिया की जनजातियों को संवाद, साझा सीख और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से जोड़ता है। इस वर्ष, संवाद 2025 का आयोजन 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा।
By Gaon Connection
भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।
भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।
By Manvendra Singh
By Dr SB Misra
आजकल दिन-प्रतिदिन उच्च शिक्षा की आवश्यकता पड़ती जा रही है — फिर चाहे कंप्यूटर, एयरोनॉटिक्स अथवा अन्य क्षेत्रों की बात हो। अब तो ए.आई. अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग आने वाला है और उसके लिए उच्च शिक्षा का महत्व और भी बढ़ गया है।
आजकल दिन-प्रतिदिन उच्च शिक्षा की आवश्यकता पड़ती जा रही है — फिर चाहे कंप्यूटर, एयरोनॉटिक्स अथवा अन्य क्षेत्रों की बात हो। अब तो ए.आई. अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग आने वाला है और उसके लिए उच्च शिक्षा का महत्व और भी बढ़ गया है।
By गाँव कनेक्शन