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जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें
जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें

By Divendra Singh

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

साँप क्यों बदल रहे हैं अपने ठिकाने?
साँप क्यों बदल रहे हैं अपने ठिकाने?

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पहाड़ों की बर्फ़ पिघल रही है, नदियाँ रास्ते बदल रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहा है, लेकिन इसके बीच एक और बदलाव छिपा है… ज़हरीले साँपों का बदलता संसार।

पहाड़ों की बर्फ़ पिघल रही है, नदियाँ रास्ते बदल रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहा है, लेकिन इसके बीच एक और बदलाव छिपा है… ज़हरीले साँपों का बदलता संसार।

अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी
अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी

By Gaon Connection

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

G20 दक्षिण अफ्रीका: जलवायु फाइनेंस और क्लीन ऊर्जा पर भारत की निर्णायक भूमिका
G20 दक्षिण अफ्रीका: जलवायु फाइनेंस और क्लीन ऊर्जा पर भारत की निर्णायक भूमिका

By Seema Javed

दक्षिण अफ्रीका में हुए G20 समिट ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को पहले से कहीं ज़्यादा ताक़त दी और इस बदलाव के केंद्र में भारत रहा। जलवायु फाइनेंस, रिन्यूएबल एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और फूड सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भारत की प्राथमिकताओं को स्पष्ट समर्थन मिला।

दक्षिण अफ्रीका में हुए G20 समिट ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को पहले से कहीं ज़्यादा ताक़त दी और इस बदलाव के केंद्र में भारत रहा। जलवायु फाइनेंस, रिन्यूएबल एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और फूड सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भारत की प्राथमिकताओं को स्पष्ट समर्थन मिला।

COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?
COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?

By Manvendra Singh

ग्लेशियरों की चेतावनी: अगर अब नहीं संभले, तो सदी नहीं बचेगी
ग्लेशियरों की चेतावनी: अगर अब नहीं संभले, तो सदी नहीं बचेगी

By Gaon Connection

नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट State of the Cryosphere 2025 ने चेतावनी दी है कि धरती की बर्फ़ पहले से कहीं तेज़ पिघल रही है। अगर मौजूदा उत्सर्जन दर जारी रही, तो आने वाले दशकों में अरबों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर दुनिया अभी निर्णायक कदम उठाए, तो उम्मीद अब भी बची है।

नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट State of the Cryosphere 2025 ने चेतावनी दी है कि धरती की बर्फ़ पहले से कहीं तेज़ पिघल रही है। अगर मौजूदा उत्सर्जन दर जारी रही, तो आने वाले दशकों में अरबों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर दुनिया अभी निर्णायक कदम उठाए, तो उम्मीद अब भी बची है।

जलवायु की जंग में पैसे की कमी: एडेप्टेशन फाइनेंस क्यों पीछे रह गया?
जलवायु की जंग में पैसे की कमी: एडेप्टेशन फाइनेंस क्यों पीछे रह गया?

By Gaon Connection

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।

Climate change least discussed in the parliament despite India being highly vulnerable to its risks: Study
Climate change least discussed in the parliament despite India being highly vulnerable to its risks: Study

By गाँव कनेक्शन

A joint study by Centre for Climate Change and Sustainability and Azim Premji University shows that a total of 895 questions related to climate change were asked in Parliament in a period of 20 years, which is less than even one per cent of the total queries asked in the House. The low representation of such questions is that climate change does not influence voting behaviour, mentioned the study.

A joint study by Centre for Climate Change and Sustainability and Azim Premji University shows that a total of 895 questions related to climate change were asked in Parliament in a period of 20 years, which is less than even one per cent of the total queries asked in the House. The low representation of such questions is that climate change does not influence voting behaviour, mentioned the study.

'Amarnath cloudburst like incidents likely to increase due to climate change'
'Amarnath cloudburst like incidents likely to increase due to climate change'

By गाँव कनेक्शन

According to the notes prepared by a climate change awareness group, with the increasing global temperatures, winds can hold more moisture and this increased moisture can lead to increased amount of 'short duration intense rainfall' as in case of a cloudburst.

According to the notes prepared by a climate change awareness group, with the increasing global temperatures, winds can hold more moisture and this increased moisture can lead to increased amount of 'short duration intense rainfall' as in case of a cloudburst.

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