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हिमालय की चेतावनी: क्या गंगोत्री घाटी जोशीमठ बनने के कगार पर है?
हिमालय की चेतावनी: क्या गंगोत्री घाटी जोशीमठ बनने के कगार पर है?

By Divendra Singh

गंगोत्री नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण ने उत्तराखंड की संवेदनशील गंगोत्री घाटी को संकट में डाल दिया है। सदियों पुराने देवदार, भूस्खलन का बढ़ता खतरा और स्थानीय लोगों की ज़रूरतें, सवाल सिर्फ सड़क का नहीं, बल्कि हिमालय की सहनशीलता, आपदाओं के खतरे और विकास की दिशा का है।

गंगोत्री नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण ने उत्तराखंड की संवेदनशील गंगोत्री घाटी को संकट में डाल दिया है। सदियों पुराने देवदार, भूस्खलन का बढ़ता खतरा और स्थानीय लोगों की ज़रूरतें, सवाल सिर्फ सड़क का नहीं, बल्कि हिमालय की सहनशीलता, आपदाओं के खतरे और विकास की दिशा का है।

खाद संकट पर NSA का कवच, लेकिन किसान की समस्याएं हैं और भी गंभीर
खाद संकट पर NSA का कवच, लेकिन किसान की समस्याएं हैं और भी गंभीर

By Manvendra Singh

उत्तर प्रदेश में रबी सीजन अपने निर्णायक दौर में है। इस समय गेहूं, आलू, सरसों और दलहनों की फसल खेतों में खड़ी होती है और किसानों के लिए सबसे ज़रूरी होती है खाद। खासकर गेहूं में यूरिया की टॉप-ड्रेसिंग और आलू में डीएपी और एनपीके की जरूरत अचानक बढ़ जाती है। ऐसे वक्त में अगर खाद समय पर न मिले या ज़रूरत से कम मिले, तो पूरी फसल प्रभावित हो सकती है। इसी तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद की कालाबाज़ारी, नकली उर्वरकों की बिक्री और कृत्रिम कमी पैदा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA लगाने का फैसला किया है। यह फैसला जितना सख़्त दिखता है, उतने ही सवाल भी खड़े करता है। NSA क्यों लगाया गया, सरकार क्या दावा कर रही है, ज़मीन पर क्या हो रहा है और किसान इस पूरे सिस्टम को कैसे देख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में रबी सीजन अपने निर्णायक दौर में है। इस समय गेहूं, आलू, सरसों और दलहनों की फसल खेतों में खड़ी होती है और किसानों के लिए सबसे ज़रूरी होती है खाद। खासकर गेहूं में यूरिया की टॉप-ड्रेसिंग और आलू में डीएपी और एनपीके की जरूरत अचानक बढ़ जाती है। ऐसे वक्त में अगर खाद समय पर न मिले या ज़रूरत से कम मिले, तो पूरी फसल प्रभावित हो सकती है। इसी तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद की कालाबाज़ारी, नकली उर्वरकों की बिक्री और कृत्रिम कमी पैदा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA लगाने का फैसला किया है। यह फैसला जितना सख़्त दिखता है, उतने ही सवाल भी खड़े करता है। NSA क्यों लगाया गया, सरकार क्या दावा कर रही है, ज़मीन पर क्या हो रहा है और किसान इस पूरे सिस्टम को कैसे देख रहे हैं।

अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी
अब छत पर होगी स्मार्ट खेती, पानी भी बचेगा और पैदावार भी बढ़ेगी

By Gaon Connection

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और घटती कृषि भूमि के बीच छत पर खेती एक टिकाऊ विकल्प बनकर उभरी है। नए शोध में सेंसर फ्यूजन और फ़ज़ी लॉजिक आधारित स्वचालित सिंचाई प्रणाली ने न सिर्फ पानी की बचत की, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में 50% तक अधिक उपज भी दर्ज की।

जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर
जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर

By Divendra Singh

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें
जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें

By Divendra Singh

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

ट्रंप का बड़ा राहत पैकेज, लेकिन भारत के चावल निर्यात पर खतरे की घंटी
ट्रंप का बड़ा राहत पैकेज, लेकिन भारत के चावल निर्यात पर खतरे की घंटी

By Gaon Connection

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।

ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

SIR Verification Explained: वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना/सुधारना है? देखें ये वीडियो | Baat Pate Ki
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खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास
खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास

By Divendra Singh

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

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