By Divendra Singh
गंगोत्री नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण ने उत्तराखंड की संवेदनशील गंगोत्री घाटी को संकट में डाल दिया है। सदियों पुराने देवदार, भूस्खलन का बढ़ता खतरा और स्थानीय लोगों की ज़रूरतें, सवाल सिर्फ सड़क का नहीं, बल्कि हिमालय की सहनशीलता, आपदाओं के खतरे और विकास की दिशा का है।
गंगोत्री नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण ने उत्तराखंड की संवेदनशील गंगोत्री घाटी को संकट में डाल दिया है। सदियों पुराने देवदार, भूस्खलन का बढ़ता खतरा और स्थानीय लोगों की ज़रूरतें, सवाल सिर्फ सड़क का नहीं, बल्कि हिमालय की सहनशीलता, आपदाओं के खतरे और विकास की दिशा का है।
By Divendra Singh
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक एहसास है, जहाँ कोई मंच पर बोलता है, तो वह सिर्फ अपने समुदाय की बात नहीं करता, वह अपने पुरखों की धड़कनें, जंगलों की खुशबू और अपनी मिट्टी की स्मृतियाँ साथ लेकर आता है।
By Manvendra Singh
By गाँव कनेक्शन
एमजीएनएफ 21-30 आयु वर्ष की महिलाओं और पुरुषों के लिए एक अवसर है, जो कौशल विकास कार्यक्रम में सुधार के लिए जिला प्रशासन का प्रेरक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए पहले ही कुछ हद तक शैक्षणिक या व्यावसायिक विशेषज्ञता हासिल कर चुके हैं।
एमजीएनएफ 21-30 आयु वर्ष की महिलाओं और पुरुषों के लिए एक अवसर है, जो कौशल विकास कार्यक्रम में सुधार के लिए जिला प्रशासन का प्रेरक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए पहले ही कुछ हद तक शैक्षणिक या व्यावसायिक विशेषज्ञता हासिल कर चुके हैं।
By Gaon Connection
भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।
भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।
By Seema Kaintura
Why India and the world need Gandhi? How do we ensure the ideals of Gandhi are remembered by future generations? There is a need for thinkers, entrepreneurs and tech leaders to be at the forefront of spreading Gandhi’s ideas through innovation
Why India and the world need Gandhi? How do we ensure the ideals of Gandhi are remembered by future generations? There is a need for thinkers, entrepreneurs and tech leaders to be at the forefront of spreading Gandhi’s ideas through innovation
By गाँव कनेक्शन
By Piyush Kant Pradhan
By Dr SB Misra
It is true that Deendayal Upadhyay, Nanaji Deshmukh, Atal Bihari Vajpayee and now Narendra Modi had never donned Gandhi cap or expressly declared themselves followers of Gandhiji, but their work ethics leaned towards Gandhiji’s ideals
It is true that Deendayal Upadhyay, Nanaji Deshmukh, Atal Bihari Vajpayee and now Narendra Modi had never donned Gandhi cap or expressly declared themselves followers of Gandhiji, but their work ethics leaned towards Gandhiji’s ideals
By Dr SB Misra