By Preeti Nahar
अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।
अगर महिला किसानों को पुरुषों के बराबर संसाधन मिलें, तो खेती की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। इससे दुनिया भर में भुखमरी 15% तक कम हो सकती है। महिला किसान सिर्फ़ परिवारों का पेट ही नहीं भरतीं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मज़बूत बनाती हैं और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देती हैं।
By Gaon Connection
रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गाँव में, एक BSF जवान ने एक महिला की दर्दनाक मौत को सिर्फ याद नहीं रखा, उसने उसे बदलाव की जड़ बना दिया। सेवानिवृत्ति के बाद जहाँ लोग आराम की तलाश करते हैं, वहीं जगत सिंह चौधरी, जिन्हें लोग प्यार से ‘जंगली दादा’ कहते हैं, ने अपनी बंजर ज़मीन पर जंगल उगा दिया।
रुद्रप्रयाग के एक छोटे से गाँव में, एक BSF जवान ने एक महिला की दर्दनाक मौत को सिर्फ याद नहीं रखा, उसने उसे बदलाव की जड़ बना दिया। सेवानिवृत्ति के बाद जहाँ लोग आराम की तलाश करते हैं, वहीं जगत सिंह चौधरी, जिन्हें लोग प्यार से ‘जंगली दादा’ कहते हैं, ने अपनी बंजर ज़मीन पर जंगल उगा दिया।
By Dr SB Misra
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
By Dr SB Misra
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
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डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।
By Gaon Connection
लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।
लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।
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By Gaon Connection Support
लखनऊ में 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 की शुरुआत, 160 से अधिक उद्यमियों एवं इकाइयों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन, युवाओं को बांटे गए टूल किट, किया गया पुरस्कृत
लखनऊ में 10 दिवसीय खादी महोत्सव-2025 की शुरुआत, 160 से अधिक उद्यमियों एवं इकाइयों द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन, युवाओं को बांटे गए टूल किट, किया गया पुरस्कृत
By Gaon Connection
भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
By Gaon Connection
भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।
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