यूपी: एमएसपी पर गेहूं खरीद 1 अप्रैल से, इस वेबसाइट पर कराएं रजिस्ट्रेशन

उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (1975 रुपए प्रति क्विंटल) पर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एक मार्च शुरु हो गए हैं। 6000 क्रय केंद्रों के जरिए 1 अप्रैल से प्रदेश में गेहूं की खरीद होगी।

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यूपी: एमएसपी पर गेहूं खरीद 1 अप्रैल से,  इस वेबसाइट पर कराएं रजिस्ट्रेशनचालू खरीद वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपए हैं। यूपी खरीद 1 अप्रैल से शुरु होगी। फोटो- अरविंद शुक्ला

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल पर गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से की जाएगी। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन 1 मार्च से शुरु हो चुके हैं। जो किसान एमएसपी पर गेहूं बेचना चाहते हैं उत्तर प्रदेश की खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराना होगा। खरीद के लिए 6000 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग में अपर आयुक्त संतोष कुमार ने जारी बयान में बताया कि रबी विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीकृत किसानों से गेहूं की खरीद एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में की जाएगी किसान अपना पंजीकरण विभाग की वेबसाइट https://fcs.up.gov.in/ पर करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) जाएगा, जिसके बाद ही पंजीकरण लॉक किया जाएगा।" किसान वेबसाइट पर स्वयं से,साइबर कैफे अथवा जन सुविधा केंद्र के जरिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

विभाग के मुताबिक जो किसान खरीफ सीजन में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अपना धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच चुके हैं उन्हें भी गेहूं के सीजन के लिए नए तरीके से पंजीकरण कराना होगा। खरीफ के दौरान खरीद में धांधली और कालाबाजारी रोकने के लिए कई जगहों पर सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान के ही विक्रय केंद्र पर पहुंचने पर खरीद की जा रही थी, जिसके काफी किसानों को परेशानी उठानी पड़ी थी, इसलिए इस बार विभाग ने ऐसे किसानों को नई सुविधा दी है। वो अपने परिवार के किसी व्यक्ति को नामित कर सकते हैं।

अपर आयुक्त संतोष कुमार ने अपने बयान में कहा कि किसान भाई अगर किसी कारण से स्वयं केंद्र पर जाकर गेहूं बेचने में असमर्थ हैं तो वो पंजीकरण के दौरान ही अपने परिवार के किसी व्यक्ति को नामित कर सकते हैं, उक्त व्यक्ति का विवरण और आधार नंबर दर्ज कराना होगा।

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खरीद सीजन के दौरान खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर 14 लाख से ज्यादा किसानों ( 1425038) ने पंजीकरण कराया था। इस दौरान विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से 13 लाख ( 1300101) किसानों से 66.84 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। यूपी सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था। हालांकि इस दौरान कई जिलों में किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद न होने की शिकायत की और खुले बाजार में अपनी उपज को 1000 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल में बेचा था, गांव कनेक्शन ने इस मुद्दे पर प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की थी।

साल 2020 में (खरीद वर्ष 2020-21) में यूपी सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, जबकि 35.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हई थी। कोरोना लॉकडाउन के चलते खरीद 15 अप्रैल से शुरु की गई थी। कृषि विभाग में अपर निदेशक राजेश गुप्ता ने गांव कनेक्शन को बताया कि साल 2020 के लिए गेहूं का रकबा 99.10 लाख हेक्टेयर (लक्ष्य) था।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के 2021-22 के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी (BJP) और पूर्व की सपा सरकार में हुई धान-गेहूं की खरीद का आंकड़ा सदन में रखा था। सीएम योगी सदन में किसानों के लिए अपनी सरकार के किए गए प्रयासों को गिनाते हुए कहा कि, "साल 2014-15 गेहूं का समर्थन मूल्य 1400 रुपए प्रति क्विंटल था जबकि इस दौरान 6.28 लाख मीट्रिक टन की प्रदेश में खरीद हुई थी वहीं, 2016-17 में एमएसपी (MSP) 1525 रुपए प्रति क्विंटल थी जबकि खरीद 7.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी, इस दौरान एक लाख 66 हजार किसान लाभान्वित हुए थे जबकि 2017-18 में (बीजेपी की सरकार) एमएसपी 1625 रुपए प्रति क्विंटल थी और 36.99 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इस दौरान 7 लाख 67 हजार 380 किसानों को फायदा हुआ था वहीं साल 2018-19 में 1737 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी पर 52.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, जिससे 11 लाख 27 हजार 195 किसानों को फायदा पहुंचा था। वहीं 2019-20 हमारी सरकार ने 1840 प्रति क्विंटल की दर से 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी और 7 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा हुआ था। साल 2020-21 में कोविड की महामारी के बीच भी 1925 रुपए प्रति क्विंटल की एमएसपी से 35.67 लाख मीट्रिक गेहूं की खरीद हुई थी, इससे 6 लाख 63 हजार 810 किसानों को फायदा हुआ था।"

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी देश में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, लेकिन यहां के सिर्फ सात फीसदी किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिलता है।

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