फसल को कीट-पंतगों से बचाने के लिए करें नीमास्त्र का छिड़काव
झारखंड की ये महिला किसान अब खाद और कीटनाशक खरीदने बाजार नहीं जाती। इससे ये न केवल अपनी लागत कम कर रहीं बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बचा रहीं हैं।
नयनतारा, सामुदायिक पत्रकार
पलामू। अगर आपकी फसल में कीट-पतंग लगे हैं तो आप अपने घर पर देसी तरीके से नीमास्त्र बना सकते हैं। इससे न तो आपकी फसल जहरीली होगी और न ही पैसा खर्च होगा।
झारखंड में सखी मंडल से जुड़ी महिलाएं कीटनाशक दवाइयों से लेकर खाद तक सब घर पर ही बनाती हैं। कृषक मित्र का प्रशिक्षण के बाद ये न केवल आधुनिक तौर-तरीकों से खेती कर रही हैं बल्कि अपनी लागत भी कम कर रहीं हैं।
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ये आजीविका कृषक पैसे की बचत के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बचा रही हैं। पलामू जिले के लेसीगंज प्रखंड के धनगांव गाँव की निवासी संध्या देवी आजीविका कृषक मित्र हैं जो संतोषी आजीविका स्वयं सहायता की सदस्य हैं।
संध्या देवी बताती हैं, "पहले हमें नहीं पता था कि अगर फसल में कोई रोग लगा है तो उसकी दवाई घर पर कैसे बनाई जा सकती है लेकिन जबसे कृषक मित्र की ट्रेनिंग ली है तबसे फसल में डालने वाली खाद और दवाइयां पर ही कम लागत में बना लेते हैं।" उन्होंने आगे बताया, "खेती से जुड़ी सभी जानकारी ट्रेनिंग में सिखाई जाती है, जबसे कृषक मित्र बने हैं तबसे बाजार में खेती की लागत के लिए पैसे खर्च नहीं करते।"
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संध्या देवी ऐसे बनाती हैं नीमास्त्र (नीम मिसाइल)
आवश्यक सामग्री- पानी 100 लीटर
ताजा गोबर- 2 किलो
नीम का पत्ता-10 किलो, गौमूत्र- 10 लीटर
नीमास्त्र बनाने की विधि- नीम की पत्ती को खली में कूट लें, एक बड़े बर्तन में सभी मिश्रण को डालकर रख दें, सुबह शाम उसे डंडे के सहारे चलाते रहें। तीन बाद इसे छानकर रोग जनित फसलों पर छिड़काव करें। इसे बिना कीड़े लगी फसल पर भी छिड़काव कर सकते हैं जिससे उसमें कीड़ा नहीं लगेगा।