सूकर पालन से यह किसान सालाना कमा रहा लाखों रुपए

Update: 2018-11-23 18:16 GMT

लखनऊ। ''सूकरों को सही समय पर टीकाकरण, साफ-सफाई और उनकी उम्र के हिसाब से अगर उनको आहार दिया जाए तो इससे न तो उनको कोई बीमारी होगी और न ही उनका देर से वजन बढ़ेगा और मुनाफा भी।'' ऐसा बताते हैं, जसाना गाँव के रहने वाले सूकर पालक पुष्पेंद्र सिंह।

दो वर्ष पहले पुष्पेंद्र ने सूकर पालन व्यवसाय को शुरू किया था आज इस व्यवसाय से वह लाखों कमा रहे हैं। लखनऊ जिले के मोहनलाल गंज के जसाना गाँव में एक बीघे में पुष्पेंद्र सिंह का फार्म है।


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''हमारे फार्म में अभी लार्ज व्हाइट नस्ल के 110 सूकर हैं, जिनको रखने के लिए 18 बाड़े बनाए हुए हैं। इन बाड़ों में नर, मादा और उनके बच्चों को उम्र के हिसाब से अलग-अलग रखा जाता है।'' अपने फार्म के बारे में पुष्पेंद्र ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया, ''अगर पशुओं से लाभ कमाना है तो साफ-सफाई, टीकाकरण, आहार प्रबंधन और बाजार व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए तभी इस व्यवसाय से ज्यादा से ज्यादा से मुनाफा कमाया जा सकता है।''

सूकर पालन कम कीमत पर और कम समय में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है। इस व्यवसाय में लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। एक मादा सूकर एक ब्यांत में लगभग 8 से 12 बच्चों को जन्म देती है। एक सूकरी से वर्ष में दो बार बच्चे लिए जा सकते हैं। अगर इनको सही तरह से खिलाए जाए और सही तरीके से देखभाल की जाए तो इनसे काफी लाभ कमाया जा सकता है।

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सूकर पालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सात जिलों में सूकर प्रजनन केंद्र की शुरुआत की है, जिससे किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। इन केंद्रों में पशुपालकों को अच्छी नस्ल औंर कम दामों में सूकर मिलते है। इस व्यवसाय से होने वाले मुनाफे के बारे में पुष्पेंद्र बताते हैं, ''यह अन्य जानवरों को अपेक्षा जल्दी तैयार हो जाते है। आठ महीने में इनका वजन एक कुंतल हो जाता है, जिसकी बाजार में कीमत 12 से 13 हजार रूपए है। इनको बेचने के लिए इधर-उधर भटकना भी नहीं पड़ता है।''

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