अरहर फिर बनी दुस्वप्न, जारी किया 5,000 टन आयात का टेंडर

Update: 2016-01-05 05:30 GMT

लखनऊ। वर्तमान फसल सत्र में दलहन का उत्पादन कम होने की संभावना और बाजारों में 180 रुपए तक बिक रही अरहर की कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5,000 टन अरहर के आयात का टेंडर जारी कर दिया है। 

केंद्र सरकार के अनुसार यह लगातार दूसरा कम दलहन उत्पादन वाला वर्ष होने जा रहा है, ''वर्तमान फसल सत्र में देश में दलहन का उत्पादन पहले के एक करोड़ 80 लाख टन के अनुमान से काफी कम होने की संभावना है।"

एमएमटीसी द्वारा जारी इस टेंडर के अनुसार दालों की मात्रा बिड के मूल्य पर आधारित है इसलिए बढ़ाई भी जा सकती है। न्यूनतम 2000 टन के लिए बिडिंग की जानी है। शर्त यह भी है कि दालों को शिपमेंट सात फरवरी तक चेन्नई बंदरगाह पहुंच जाए। 

म्यांमर, मालावी और मोज़ाम्बिक जैसे देशों अरहर की नई फसलें तैयार हैं।

कुछ समय पहले ही अरहर की दाल के दाम 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाने के कारण सरकार को गंभीर आलोचना का सामना करना पड़ा था, और देश में दलहन के भण्डारण व खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता सामने आई थी। 

इसके बाद केंद्र सरकार ने न सिर्फ राज्य सारकारों की मदद से छापेमारी कर हज़ारों टन दालें जब्त की बल्कि 5000 हज़ार टन दलहन आयात का टेंडर भी जारी किया था। इसके साथ ही साथ केंद्र सरकार ने देश में दहलन का बफर स्टॉक बनाने का भी निर्णय लिया था जिसके लिए भारतीय सरकारी कृषि विपणन संघ मर्यादित (नाफेड), लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष में ही 30,000 टन अरहर व 10,000 टन उड़द दाल की खरीद शुरू कर दी है।

नाफेड व एसएफएसी को केंद्र द्वारा 350 करोड़ रुपए खरीद के लिए जारी कर दिए गए हैं। एफसीआई को भी खरीद के लिए 50 करोड़ रुपए मिले हैं।

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