बालिका वधू बनने से किया मना घर वालों के खिलाफ शिकायत

Update: 2016-04-29 05:30 GMT
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लातेहार (झारखण्ड)। पढ़ने लिखने की उम्र में कई लड़कियों को मजबूरी में शादी करनी पड़ती है तो कुछ ऐसी भी हैं जो बड़ी हिम्मत से इसका सामना करती हैं। घर वालों का विरोध करके शादी करने से मना भी किया। 

बरवाडीह थाना छिपादोहर के जुरुहार गाँव निवासी मंगरा लोहरा की बेटी किन्कू कुमारी (13 वर्ष) पढ़ना चाहती थी लेकिन घरवाले जबरदस्ती उसकी शादी कराना चाहते थे, जब किंकू ने इसका विरोध किया तो उसके घर से निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई।

किंकू बताती हैं, “ मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं। बहुत सोचने के बाद मैं अपनी चचेरी बहन के साथ घर से किसी तरह निकली और पहुंच गई डीसी के जनता दरबार में। मैंनें उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से कहा, सर मैं अभी पढ़ना चाहती हूं। पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं, लेकिन, मेरे घर वाले जबरदस्ती मेरी शादी कराना चाहते हैं। मैं अभी शादी नहीं करना चाहती। मेरी मदद कीजिए।”

डीसी ने मुझे भरोसा दिलाया कि कोई भी जबरदस्ती तुम्हारी शादी नहीं करा पाएगा। पढ़ाई में मदद दी जाएगी। उन्होंने मौके पर ही डीडब्ल्यूओ रविचंद्र मिश्र को बुलवाया और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (बरवाडीह) में मेरा नाम लिखवाने को कहा।

स्कूल जाने पर लगी थी रोक

किन्कू ने बताया कि मैं उच्च विद्यालय छिपादोहर में कक्षा नौ में पढ़ती थी लेकिन शादी तय करने के बाद पिता ने स्कूल जाने पर रोक लगा दी।  मेरे बहुत कोशिश के बाद भी वो नहीँ तब मुझे उपायुक्त के जनता दरबार में जाना पड़ा।

भाई ने भी किया था विरोध

कम उम्र में बहन किन्कू की शादी का भाई ने भी विरोध किया था, लेकिन पिता ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। किन्कू ने बताया कि बहाना बनाकर बड़ी मुश्किल से चचेरी बहन के साथ घर से निकल पाए हैं। केवल भाई को बताया है कि डीसी से मिलने लातेहार जा रही हूं। 

पिता पर होगी एफआईआर

डीडब्ल्यूओ मिश्र ने जबरदस्ती नाबालिग बेटी की शादी कराने के फैसले को गंभीरता से लेते हुए उसके पिता के खिलाफ छिपादोहर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने डीएसई, बीडीओ और थाना प्रभारी को पिता के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए किन्कू की सुरक्षा का निर्देश दिया है।

रिपोर्टर - अम्बाती रोहित

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