पशु चौपाल: स्वस्थ होगा पशु तभी होगा अच्छा उत्पादन

Update: 2018-10-29 07:13 GMT

बाराबंकी। "अगर पशु स्वस्थ है तभी उससे अच्छा उत्पादन भी होगा। इसलिए पशु को समय पर टीकाकरण, हर तीन महीने में पेट के कीड़े की दवा और उनको संतुलित आहार देना चाहिए।" ऐसा बताते हैं, हेस्टर कंपनी के टेक्निकल मैनेजर डॉ कुंदन कुमार का।

पशुपालकों को जागरूक करने के लिए बाराबंकी जिले के नगर पंचायत बेलहरा में पशु चौपाल का आयोजन किया गया। यह पशु चौपाल उत्तर प्रदेश के दस जिलों में गाँव कनेक्शन और हेस्टर कंपनी द्धारा पशु चौपाल लगाई जा रही है। चौपाल में पशुओं का इलाज भी कराया जा रहा है। बेलहरा में पशुपालकों को जानकारी देते हुए हेस्टर कंपनी के सीनियर एएसएम लाल जी द्धिवेदी ने बताया, "अगर आपके पशु के पेट के कीड़ें है तो उसको आप जो भी खिलाते है उसका 30 प्रतिशत कीड़ें खा जाते है। उदाहरण के लिए अगर पशु को तीन किलो चूनी चोकर दिया तो 900 ग्राम पेट के कीड़े खा जाते है।"


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फीताकृमि, गोलकृषि जैसे कई प्रकार के कीड़ें पशुओं के पेट और आंत में होते है जो उनका शारीरिक विकास नहीं होने देते है। पशुओं के पेट के कीड़ों को पहचानने के लिए लक्षणों के बारे में लाल जी बताते हैं, "अगर पशु के पेट में कीड़ें है तो उनके आंखों में पानी आने लगता है कीचड़ जम जाता है। चमड़ी सूखी और खुरदुरी हो जाती है। पतले दस्त आते है और उससे बदबू भी आती है। अगर ये लक्षण दिखे तो तुरंत पशुओं को पेट के कीड़े की दवा दें।"

बारांबकी के बेलहारा में पशु चौपाल में 50 से ज्यादा पशुपालकों ने भाग लिया। पशु चौपाल में बेलहरा के पशुचिकित्सक डॉ फौजदार सिंह ने पशुपालकों को पशुपालक विभाग द्धारा चल रही सरकार योजनाओं के बारे में बताया। "पशुओं में पोषक तत्वों की कमी की वजह से पशु समय से हीट में नहीं आती है और अगर आती है तो रूकती नहीं है, जिससे पशुओं में बांझपन की समस्या हो होती है। " पशुचिकित्सक डॉ फौजदार सिंह ने बताया। कार्यक्रम में हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव अमित श्रीवास्तव ने सामान्य रख-रखाव के बारे में पशुपालकों को जानकारी दी। 

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