पकिस्तान में नहीं मनाया जाएगा वैलेंटाइन-डे

Update: 2017-02-14 12:44 GMT
पाकिस्तान ने वेलेंटाइंस डे पर रोक लगा दी है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रेमी जोड़े 14 फरवरी को सार्वजनिक स्थानों पर प्यार का इजहार नहीं कर पाएंगे। पाकिस्तान की एक अदालत ने वेलेंटाइंस डे और सोशल मीडिया पर इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर आदेश जारी किया जिसमें दलील दी गई है कि वेलेंटाइंस डे गैरइस्लामी है।

यह याचिका अब्दुल वहीद नामक एक व्यक्ति ने दायर की है जिसके राजनीतिक रुझान के बारे में पता नहीं चल पाया है। इस्लामाबाद, लाहौर, कराची जैसे बड़े शहरों में होटल-रेस्तरां और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रेमी युगलों को देखा जाता है। यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में भी ऐसा ही नजारा रहता है। अब्दुल के मुताबिक वैलेंटाइन डे का प्रचार इस्लामिक शिक्षा के खिलाफ है और इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और सरकार से कहा कि यह आदेश तुरंत प्रभावी किया जाए। जस्टिस शौकत अजीज ने अपने फैसले में सूचना मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक मीडिया आयोग को यह बताने को कहा कि वे इस आदेश को कैसे लागू करेंगे।

पाकिस्तान में वेलेंटाइंस डे को लेकर हर साल विवाद खड़ा होता है। हालांकि, वैलेंटाइन डे के विरोधी इसे हया डे (शर्म दिवस) के तौर पर मनाते हैं और नो टू वैलेंटाइन डे का अभियान चलाते हैं और कई जगहों पर मारपीट की घटनाएं भी सामने आती हैं, लेकिन यह पहली बार है कि किसी उच्च न्यायालय ने इसे मनाने पर रोक लगाई है। पिछले साल राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने दलील दी थी कि पाकिस्तान में वेलेंटाइंस डे नहीं मनाना चाहिए. इसका देश की संस्कृति से कोई संबंध नहीं है और इसको नजरअंदाज करना चाहिए।

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