दक्षेस उपग्रह का प्रक्षेपण अगले साल मार्च में: इसरो

Update: 2016-11-08 17:46 GMT
इसरो का लोगो, फोटो साभार: इंटरनेट

तिरुवनंतपुरम (भाषा)। भारत के महत्वाकांक्षी दक्षिण एशियाई उपग्रह का प्रक्षेपण अगले साल मार्च में किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2014 में नेपाल में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान टेलीकम्युनिकेशन और टेली-मेडिसिन सहित विभिन्न क्षेत्रों में दक्षेस सदस्यों को लाभ के लिए तोहफे के तौर पर एक दक्षेस उपग्रह के प्रक्षेपण का ऐलान किया था।

इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने मंगलवार को यहां एक समारोह से अलग, संवाददाताओं को बताया कि दक्षेस उपग्रह को पहले इस साल दिसंबर में प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन अब इसे अगले साल मार्च में प्रक्षेपित किया जाएगा। चूंकि पाकिस्तान ने इस परियोजना से बाहर रहने का फैसला किया इसलिए अब इसे दक्षिण एशियाई उपग्रह नाम दिया गया है।

खास तौर पर, क्षेत्रीय समूह के लिए तैयार किए गए इस उपग्रह से जुड़े तमाम ब्यौरों एवं तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए भारत ने दक्षेस के अन्य देशों के साथ गहन विचार विमर्श किया था।

यह रॉकेट कार्यक्रम इसरो के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश को करीब चार टन वजन के उपग्रहों का प्रक्षेपण करने में मदद करेगा। मानव संसाधन एवं अवसंरचना सुविधाओं में सुधार की योजना के बारे में पूछने पर इसरो प्रमुख ए एस किरण कुमार ने बताया “हमें बहुत काम करने की जरूरत है जिसका मतलब है कि हमें और हाथ (मानव संसाधन) चाहिए।” तीसरे प्रक्षेपण स्थल के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा कि वर्तमान सुविधा का पूरी तरह उपयोग सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है।

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