उच्चतम न्यायालय ने बजट पेश करने के खिलाफ याचिका के समर्थन में मांगी सामग्री  

Update: 2017-01-13 15:03 GMT
सर्वोच्च न्यायालय।

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के कारण केंद्रीय बजट पेश करने की कार्यवाही स्थगित करने के लिए दायर याचिका के समर्थन में सामग्री और कानूनी प्रावधान पेश करने का आज निर्देश दिया।

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा, “आज (वकील) हमें बताएंं कि किन प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। सरसरी तौर पर कहें तो हमें याचिका के समर्थन में कोई सामग्री नहीं मिली है।” याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा से न्यायालय ने कहा कि कि आप समय लगाकर ‘पुख्ता’ तैयारी कीजिए और फिर अपनी याचिका के समर्थन में तथ्यों के साथ आइए।

न्यायालय ने इसके साथ ही याचिका की सुवाई 20 जनवरी के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, न्यायालय ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध ठुकरा दिया था। याचिका में भारतीय जनता पार्टी को ‘कमल’ चुनाव चिह्न से वंचित करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उस पर आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन का आरोप भी लगाया गया है। आचार संहिता पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू हो गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को वर्ष 2017-18 का केंद्रीय बजट पेश करने की कार्यवाही स्थगित करने का निर्देश दिया जाए। केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किए जाने का प्रस्ताव है।

इसी तरह याचिका में इन राज्यों में चुनाव संपन्न होने तक केंद्रीय बजट में किसी भी तरह के राहत कार्यक्रम की घोषणा करने से रोकने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। निर्वाचन आयोग ने चार जनवरी को पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की थी। केंद्र सरकार पहले ही संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से बुलाने और इसके अगले दिन वर्ष 2017-18 का केंद्रीय बजट पेश करने का निर्णय कर चुकी थी।

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