मार्शल अर्जन सिंह , भारत पाकिस्तान युद्ध और 1 सितंबर 1965 की शाम

Update: 2017-09-17 12:51 GMT
कश्मीर में 1965 में वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अर्जन सिंह

लखनऊ। शनिवार की रात मार्शल अर्जन सिंह का निधन हो गया। भारतीय वायु सेना को दुनिया की सर्वाधिक सक्षम वायु सेनाओं में से एक और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में उन्होंने बहुत अहम भूमिका निभाई थी।

उनकी जांबाज़ी के कई क़िस्से मशहूर हैं उनमें से एक क़िस्सा है एक सितंबर 1965 की उस शाम का। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया था। इस हमले को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम कोडनेम दिया गया था।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे अर्जन सिंह।

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दोनों देशों के बीच लड़ाई ज़ारी थी। एक सितंबर 1965 की उस शाम को अंधेरा होने ही वाला था। जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने उत्पात मचा रखा था। उस वक्त तत्कालीन रक्षा मंत्री वाईबी चाव्हाण ने एयर स्टाफ के चीफ अर्जन सिंह से पूछा कि और कितनी देर में वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ान भर सकते हैं? अर्जन सिंह ने जवाब दिया, बस एक घंटे में।

पत्नी के साथ अर्जन सिंह

इस जवाब के बाद सिर्फ एक घंटे में ही वायु सेना के अधिकारियों ने उड़ान भर दी। पाकिस्तान अचानक हुए इस हमले से चौंक गया और संभल नहीं पाया। इसी का नतीजा था कि भारत ने पाकिस्तान को काबू में कर लिया।

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