एनएआरएसएस के सर्वे में भारत के 90. 7 प्रतिशत गांव 'खुले में शौच मुक्त'

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के अनुसार, 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने के बाद शौचालयों के उपयोग को लेकर लोगों में जागरूकता आई है।

Update: 2019-03-06 11:28 GMT

लखनऊ (भाषा)। भारत के 90. 7 प्रतिशत गांव 'खुले में शौच मुक्त' (ओडीएफ) हैं। यह आंकड़ें राष्ट्रीय सालाना ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण (एनएआरएसएस) के 2018 – 19 के सलाना सर्वे में सामने आए हैं। इस सर्वे के अनुसार भारत के 93 प्रतिशत से अधिक घरों में शौचालय की सुविधा है, जिसमें से 96. 5 प्रतिशत लोग इसका उपयोग करते हैं।

आपको बता दें कि यह सर्वे एक स्वतंत्र एजेंसी ने किया है, जिसकी निगरानी पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय कर रहा था। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इस सर्वे की जानकारी दी।

विज्ञप्ति के अनुसार, 'यह सर्वे नवंबर 2018 और फरवरी 2019 के बीच कुल 6136 गांवों के 92,040 घरों में किया गया। इस दौरान पाया गया कि 93.1 प्रतिशत घरों में शौचालय की सुविधा है और उनमें से 96.5 प्रतिशत लोग । इसके बाद लगभग 50 करोड़ लोगों ने खुले में शौच करना बंद कर दिया है।' मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण भारत में कुल नौ करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, जिसे इज्जत घर कहा जाता है। इन आंकड़ों के अनुसार, 615 जिलों के कुल 5.5 लाख से अधिक गांवों को ओडीएफ घोषित किया गया है।

इसके अलावा इस सर्वे में भारत के 90.7 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ घोषित किया गया। जबकि 95.4 प्रतिशत गांव ऐसे हैं जहां पर ठहरा हुआ गंदा पानी एकदम ना के बराबर है। इस सर्वे में यह भी बताया गया है कि जो गांव ओडीएफ हो चुके हैं, वहां पर अपशिष्ट प्रबंधन की दर भी बेहतर है। जहां ओडीएफ गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन की दर 97.6 प्रतिशत है, वहीं अन्य गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन की दर घटकर 94 प्रतिशत हो जाती है। 

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