अब लीक नहीं होगी आपकी आधार डिटेल, केंद्र ने जारी की गाइडलाइन्स 

Update: 2017-06-02 11:22 GMT
आधार कार्ड बनवाती महिला।

नई दिल्ली। सरकारी वेबसाइट्स पर आधार का डेटा लीक होने के कई मामले सामने आने के बाद अब केंद्र ने इसकी सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। सभी मंत्रालयों को आधार कार्ड और पर्सनल फाइनेंस संबंधी जानकारी को इंक्रिपटेड करने के निर्देश दिये गए हैं।

इन जानकारियों को इंक्रिपटेड करने का अर्थ है कि आधार कार्ड में दर्ज आपकी जानकारी को सर्वर में कोड के जरिए कूटलेखन तरीके से इन्कोड करके रखा जाएगा, जिससे इसे चुराया न जा सके। ऐसा करने से आपकी निजी जानकारी पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी। गौरतलब है कि आपकी बायोमेट्रिक डिटेल के आधार पर बना 12 अंक का यूनीक आईडी आधार नंबर आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है। जिसके जरिये सरकार तमाम सामाजिक कल्याण से जुड़ी स्कीमों की सब्सिडी सीधे खाते में ट्रांस्फर करती है।

हर विभाग में एक अधिकारी की होगी जिम्मेदारी

आधार कार्ड और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित रखने और इसके प्रति जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से विभाग के अधिकारियों को डेटा नियमों के उल्लंघन के कानूनी परिणामों के बारे में गंभीरता से बताया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने सभी विभागों को डेटा के रखरखाव को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अब हर विभाग में एक अधिकारी नियुक्त होगा जो आधार संबंधी जानकारी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा।

सभी सरकारी विभाग को दिए गए निर्देश

इकोनॉमी टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश दिये गए हैं कि अपने विभाग की वेबसाइट का तत्काल रिव्यु करें और सुनिश्चित करें किसी व्यक्ति की निजी जानकारी वेबसाइट पर न दिख रही हो।

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दिशा-निर्देश जारी

डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सभी विभागों को 27 क्या करें (D0) और 9 क्या न करें (Don't) वाला दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें आधार कार्ड और बैंक डिटेल को गोपनीय बनाने और इसको इंक्रिप्टेड करने संबंधी निर्देश दिये गए हैं। सरकार ने नागरिकों के निजी डेटा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि समय-समय पर सुरक्षा संबंधी ऑडिट किया जाएगा।

मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया लेटर

मंत्रालय की ओर से जारी लेटर में गया गया है, 'यह संज्ञान में आया है कि कुछ मामलों में पहचान, पता और अन्य जानकारियों के साथ आधार नंबर ऑनलाइन पब्लिश हुए हैं।' आगे बताया गया है कि इस तरह से डेटा लीक होने पर किन कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। विभागों को आगे सावधान रहने के लिए कहा गया ताकि इस तरह से कोई डेटा लीक न हो सके।

तीन साल तक की सजा का प्रावधान

आधार नंबर या अन्य उसके साथ जुड़ी अन्य जानकारियों को सार्वजनिक करना आधार ऐक्ट 2016 के प्रावधानों के खिलाफ है और अपराध भी है। इसके लिए 3 साल तक की सजा हो सकती है। बैंक डीटेल्स और अन्य फाइनैंशल डीटेल्स को संवेदनशील पर्सनल डेटा माना जाता है और आईटी ऐक्ट 200 के तहत प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा देना पड़ सकता है।

13 करोड़ आधार कार्ड डाटा हो चुका है लीक

सरकार की तरफ से यह कदम तब उठाया गया है जब 13 करोड़ आधार कार्ड धारकों का डेटा चार सरकारी वेबसाइट्स से लीक होने की रिपोर्ट्स आई थीं। बेंगलुरु स्थित संगठन सेंटर फॉर इंटरनेट ऐंड सोसाइटी (CIS) द्वारा की गई स्टडी में यह दावा किया गया था कि आधार नंबर, नाम और पर्नसल डेटा लीक हुआ है।

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