रेलवे के आंकड़ों के अनुसार सुरक्षा उपाय अपनाने के बाद दुर्घटनाओं में आई कमी

Update: 2017-07-30 14:47 GMT
कानपुर देहात के पुखरायां में 20 नवंबर को हुए हादसे की तस्वीर।

नई दिल्ली (भाषा)। रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक आधुनिक तकनीक समेत सुरक्षा के कई उपाय अपनाये जाने के बाद रेल हादसों की संख्या में मामूली कमी दर्ज की गयी है। आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 में 135 हादसे हुये और 2015-16 में घटकर 107 रह गये। 2016-17 में रेल हादसों का आंकडा घटकर 104 हो गया।

इस साल अप्रैल से जून के बीच वर्ष 2016 के मुकाबले रेल हादसों की संख्या 29 से घटकर 15 रही यानी इसमें करीब 48.3 फीसदी सुधार है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये दुर्घटना के रोकथाम के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिये रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 के रेल बजट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिये 'मिशन जीरो एक्सीडेंट' के नाम से विशेष अभियान शुरु किया था।''

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त्वरित पटरी नवीकरण, अल्ट्रासोनिक रेल पहचान प्रणाली और प्राथमिकता के आधार पर मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को खत्म किए जाने जैसे सुरक्षा उपायों को रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिये अपनाया गया है। अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 1,503 मानवरहित समपार क्रॉसिंग को खत्म किया गया जबकि 484 मानवयुक्त समपार फाटकों को उपरिगामी सेतु या भूमिगत सेतु बनाकर खत्म किया गया जो अब तक एक रिकॉर्ड है।

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उन्होंने कहा, क्योंकि मानवरहित रेलवे समपार फाटक सबसे ज्यादा ट्रेन हादसों की वजह बनते हैं, ऐसे में रेलवे की मंशा है कि 2020 तक ब्रॉडगेज खंड पर ऐसी सभी क्रॉसिंग को खत्म किया जाये।

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