आखिर आज क्यों पूरे दिन चर्चा में रहा यूपी का बरेली, मजदूरों के सामूहिक सैनिटाइज़र पर क्या बोले डीएम?

देश में कोरोना लॉकडाउन की वजह से दिल्ली से पैदल चलकर बरेली पहुंचे प्रवासी मजदूरों पर अफसरों की अति सक्रियता भारी पड़ गयी।

Update: 2020-03-30 14:17 GMT
बरेली में दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को बीच सड़क पर बैठाकर सैनिटाइज़र से नहलाया ।

देश में कोरोना लॉकडाउन के छठवें दिन उत्तर प्रदेश का बरेली जिला पूरे दिन सुर्ख़ियों में रहा। वजह एक वीडियो बना जिसमें बरेली के अफसरों ने दूसरे राज्यों से जिले की सीमा पर पैदल पहुंचे मजदूरों को बीच सड़क में सैनिटाइज़र से छिड़काव कर नहला दिया। इसके बाद मजदूरों के बच्चों और महिलाओं को आँखों में जलन की शिकायतें सामने आईं। यह वीडियो पूरे दिन सोशल मीडिया में सुर्ख़ियों में छाया रहा, आइये हम आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला। 

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोग यूपी पुलिस और बरेली प्रशासन की घोर निंदा कर रहे हैं। इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। 

इस पर बरेली के डीएम ने वीडियो पर रीट्वीट कर कहा, "इस वीडियो की पड़ताल की गई है, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है।"

उन्होंने लिखा, "बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनिटाइज़ करने के निर्देश दिए गए थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।"

असल में इस घटना के ठीक एक दिन पहले बरेली जिले के सुभाष नगर में नोएडा से लौटे एक युवक में कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। बरेली में कोरोना वायरस से जुड़ा यह पहला मामला था।

बरेली में पहला मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने पूरे इलाके को सैनिटाइज करने का आदेश दिया और सभी नागरिकों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की। मगर अफसरों की अधिक सक्रियता की वजह से उन्होंने दिल्ली से लौट रहे मजदूरों को भी सैनिटाइजर का छिड़काव कर नहला दिया।

इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कई लोगों ने विदेशों में समूह में लोगों को सैनिटाइज करने की भी कई पिक्चर डालीं और कहा कि समूह में लोगों को सैनिटाइज करने का तरीका विदेशों में लॉकडाउन के समय में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके अलावा केरल में भी लोगों को समूह में सैनिटाइज करने का वीडियो डाला गया। हालाँकि इसमें लोग अपने चेहरों को पूरी तरह से ढंके नज़र आये।    

इसके बाद बरेली के डीएम ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, "हालांकि मास सैनिटाइजेशन का यह तरीका दुनिया के कई देशों में अपनाया जा रहा है। इसे करते वक्त और सावधानी बरती जानी चाहिए थी और सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था जिससे लोगों को परेशानी महसूस नहीं होती।" 

ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या समूह में लोगों पर सैनिटाइजर का छिड़काव कर नहलाना सही कदम है?

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों को कई सलाह जारी की हैं। इसमें लोगों का एक सवाल यह भी रहा कि क्या शरीर में क्लोरीन या शराब (सैनिटाइजर में उपयोग होने वाले उत्पाद) का छिड़काव करने से कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है?


जिस पर WHO ने सलाह जारी करते हुए कहा, क्लोरीन या शराब का छिड़काव करने से शरीर में पहले से ही प्रवेश कर चुके इस वायरस को मारा नहीं जा सकता है। शरीर में ऐसी चीजों का छिड़काव करना हानिकारक हो सकता है। शराब और क्लोरीन, दोनों ही जमीन पर कीटाणु मारने के लिए उपयोगी हो सकते हैं, यदि उन्हें दी गई सिफारिश के अनुसार उपयोग किया जाता है।

वहीं बरेली के इलाकों को सैनिटाइज करने पर बरेली के एक फायर अधिकारी का भी वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया, "इलाकों को सैनिटाइज करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट नाम का रसायन उपयोग में लाया जा रहा है।" सोडियम हाइपोक्लोराइट एक ऐसा रसायन है जो सामान्यता ब्लीच में उपयोग किया जाता है और शरीर में अधिक मात्र में उपयोग करने पर नुकसानदेह होता है।  

वहीं विपक्षी दलों ने भी इस वीडियो के वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को घेरना शुरू कर दिया। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, "देश में जारी जबरदस्त लॉकडाउन के दौरान जन उपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हें उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानवीयता है जिसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है। सरकार तुरंत ध्यान दे।"  


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