प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित सभी मंत्री अब हिंदी में देंगे भाषण

Update: 2017-04-17 15:27 GMT
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 

नई दिल्ली। बीजेपी जब केंद्र की सत्ता में आई थी तो राष्ट्र भाषा हिंदी को प्रचारित प्रसारित करने का मुद्दा खूब चर्चा में रहा था लेकिन जनता की समस्या यह थी कि देश के नेता ही अपने भाषणों में हिंदी को प्राथमिकता नहीं देते तो बाकी लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्री अब हिंदी में ही भाषण देते नजर आएंगे।

दरअसल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसदीय समीति की उस सिफारिश को मंजूरी दे दी है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति और प्रधानंत्री समेत सभी मंत्री और नेता सिर्फ हिंदी में ही भाषण दें। ये सिफारिश आधिकारिक भाषाओं को लेकर बनी संसदीय समिति ने की थी।जिसको अब मंजूरी मिल गई है। खबर के मुताबिक, अब जो अगला राष्ट्रपति बनेगा वह हिंदी में ही भाषण देगा। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के अधिकांश सहयोगी हिंदी में ही भाषण देते हैं। अब इसको मंजूरी देने के लिए राष्‍ट्रपति ने इसे प्रधानमंत्री कार्यालय, सभी मंत्रियों और राज्यों को भेजा दिया है।

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राष्ट्रपति ने कई और सिफारिशों को भी अपनी मंजूरी दी है, जिनमें एयर इंडिया की टिकटों पर हिंदी का उपयोग और एयरलाइंस में यात्रियों के लिए हिंदी अखबार तथा मैगजीन होने की बात को भी मुख्यता दी गई है। वहीं, इसे केवल सरकारी लएयरलाइंस तक ही रखा गया है।

इसके साथ ही सरकारी भागीदारी वाली निजी कंपनियों में बातचीत के लिए हिंदी को अनिवार्य करने तथा निजी कंपनियों के लिए अपने उत्पादों के नाम और संबंधित सूचना को हिंदी में बाच की सिफारिश की गई है। आधिकारिक भाषा पर संसद की इस समिति ने 1959 से राष्ट्रपति को अब तक 9 रिपोर्ट्स दी हैं। 2011 में इस समीति ने रिपोर्ट दी थी जिसके अध्यक्ष पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम थे।

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