पशुओं की मौतों से ग्रामीण परेशान

Update: 2017-04-03 16:52 GMT
पशुओं की हो रही आकस्मिक मौत पर पशुपालक परेशान है।

भीम कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

सोनभद्र। जिले में पशुओं की हो रही आकस्मिक मौत पर पशुपालक परेशान है। सबसे ज्यादा उन पशुपालकों को दिक्कत हो रही है, जिनके पास सिर्फ एक या दो ही पशु हैं, जिनसे उनकी आजीविका चलती है।

जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर जाबर, धनौरा, खजूरी, डूमरडीहा से अब तक 300 से ज्यादा गाय, बैल, बछड़ों की मौत हो चुकी है। मृत पशुओं के चमड़े निकाल कर बेचने वाले चंदा भारती (45 वर्ष) बताते हैं, “अब तक दो महीने के भीतर 300 से ज्यादा पशुओं की खाल हम ले गए हैं। सभी जानवरों में सबके एक ही रोग के कारण मौत हुई है और वह किडनी ख़राब होने की वजह से मौतें हुई हैं।”

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वहीं, पशु स्वामी प्रयाग प्रसाद निवासी धनौरा शिवपूजन यादव (54 वर्ष) ने बताया, “हमारे गाँव में लगातार पशुओं की मौत हो रही है। ग्राम प्रधान से मांग की गई है कि गाँव के पशुओं को चिकित्सा की सुविधा मिलना चाहिए।” ग्राम प्रधानप्रतिनिधि धनौरा रामलोचन तिवारी ने बताया, “पशु चिकित्सक से बात हुई और वे जल्द ही सभी पशुओं को इलाज के लिए टीका लगाकर दवा देने का काम करेंगे।” इसके पूर्व में पशुओं को टीका नहीं लगने के कारण काफी पशु रोग से ग्रसित हुए हैं।

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