अनुच्छेद 370: बीजेपी 66 साल बाद पूरा कर पाई अपने संस्थापक का सपना

Update: 2019-08-05 11:00 GMT
  • धारा 370 के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू का साथ छोड़ भारतीय जनसंघ की स्थापना की
  • जम्मू-कश्मीर में जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था, वहीं से उनकी 60वीं बरसी पर 23 जून 2013 को नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया था चुनावी अभियान
  • मोदी ने चुनावी अभियान की शुरुआत में कहा था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा करेंगे

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के विरोध में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से मतभेद के चलते उनकी सरकार से इस्तीफा देकर भाजपा की नींव डाली, उनके सपने को 66 साल बाद भाजपा ने पूरा किया।

कश्मीर को लेकर पं जवाहर लाल नेहरू की नीति से असहमत होकर वर्ष 1950 में उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में लागू धारा 370 को देश की सुरक्षा से खिलवाड़ मानते हुए हटवाने के लिए सड़के से संसद तक विरोध किया।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पहले भारतीय जनसंघ की स्थापना की उसके बाद भारतीय जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी बनी। इस तरह से श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भाजपा का संस्थापक माना जाता है।

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इस तरह से केन्द्र की भाजपा सरकार ने अपने संस्थापक का सपना 66 साल बाद पूरा किया। 5 अगस्त, 2019 को इतिहास के पन्नों में दर्ज करते हुए केन्द्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफारिश की जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर भी कर लिया।

हर कदम पर एक राष्ट्र की बात करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के खिलाफ थे। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के बाद बिना सरकारी परमिट के कोई जम्मू-कश्मीर में घुस भी नहीं सकता था। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अटल बिहारी बाजपेई के साथ पूरे देश की यात्रा की और बिना परमिट के 11 मई 1953 को जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो गए।

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इसके बाद श्याम प्रसाद मुखर्जी को शेख अब्दुल्ला की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में 23 जून, 1953 को उनकी संदेहास्पद मौत हो गई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इस आंदोलन के बाद ही जम्मू-कश्मीर से बिना सरकारी अनुमति दाखिल न होने का प्रावधान हटाया गया।

खास बात यह भी है कि जिस लखनपुर चेकपोस्ट पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था, वहीं नरेन्द्र मोदी ने 23 जून, 2013 को मुखर्जी की 60वीं बरसी पर, 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। वहीं नरेन्द्र मोदी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा करने की बात कही थी। जिसे वह अपने दूसरे कार्यकाल में पूरा किया।

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