हाथों में लाल झंडा थामे इन किसानों को हर किसी ने किया सलाम, देखें तस्वीरें और वीडियो

Update: 2018-03-12 15:16 GMT
फोटो साभार: इंटरनेट

चिलचिलती धूप और तपती जमीन पर कुछ नंगे पैर, तो कुछ टूटी चप्पलों में, किसी के पैरों से खून निकल रहा है तो किसी के पैर चलते-चलते पत्थर हो चुके हैं, मगर ये किसान फिर भी नाचते-गाते हुए आगे बढ़ते गए, सिर्फ इसलिए कि सरकार किसानों की बात सुनें और उनसे किए गए वादे को पूरा करे।

मगर इससे इतर मुंबईवासियों ने भी आगे बढ़ते इन किसानों के जज्बे को देखते हुए न सिर्फ कंधा से कंधा मिलाकर उनका स्वागत किया, बल्कि किसानों के प्रति उनकी ओर से भरपूर सहानुभूति देखने को भी मिली।

भीषण गर्मी में छह दिनों तक नासिक से मुंबई तक 180 किलोमीटर की 35,000 किसानों की इस पैदल यात्रा को हर तबके के लोगों का समर्थन मिला। मुंबई पहुंचते ही इन किसानों के लिए कई धार्मिक संप्रदाय के लोग आगे बढ़कर आए और हाथ से हाथ मिलाकर न सिर्फ किसानों की मांगों का समर्थन किया, बल्कि पानी, भोजन समेत कई तरह की व्यवस्थाएं किसानों के लिए कीं।

इस पैदल मार्च में सिख समुदाय के लोगों ने जहां किसानों के लिए जगह-जगह पानी और भोजन की व्यवस्था कर किसानों की मदद की, वहीं बिस्किट, स्नैक्स जैसे चीजें भी किसानों को वितरित किए गए। इसी तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी आगे बढ़कर किसानों के लिए भोजन सामग्री और पानी वितरित किया।

दूसरी ओर महाराष्ट्र के इन किसानों के लिए कॉलेज के सैकड़ों छात्र और मुंबईवासी भी आगे बढ़कर सड़क पर उतरे और किसानों की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। किसानों के लिए हर स्तर पर मुंबई के लोगों ने जगह-जगह उनका स्वागत किया।

इसके अलावा मुंबई में मशहूर ‘डब्बावाला’ की ओर से भी किसानों के लिए फल और भोजन की व्यवस्था की गई।

इतना ही नहीं, सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में इकट्ठा हुए इन किसानों के लिए कई सामाजिक संस्थाएं भी आगे बढ़कर सामने आई। आजाद मैदान में कई संस्थाओं ने किसानों के लिए न सिर्फ मेडिकल की सुविधा दी, बल्कि एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा आजाद मैदान में किसानों को लेकर पानी से लेकर शौचालय तक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गईं।

ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में मुंबई पहुंचे इन किसानों के लिए मुंबई के लोगों ने भी न सिर्फ इन किसानों का स्वागत किया, बल्कि पूरी तरह से सहानुभूति दिखाकर किसानों की मांगों का समर्थन किया।

किसानों ने भी निकाला शांतिपूर्वक मार्च

महाराष्ट्र विधानसभा घेरने के लिए ऑल इंडिया किसान सभा की अगुवाई में निकले इन किसानों ने भी छह दिनों तक शांतिपूर्वक मार्च निकाला। सिर्फ इतना ही नहीं, किसानों ने मुंबई के लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए सुबह सड़कों पर जाम लगने की स्थिति में रात को ही इस यात्रा को आगे बढ़ाया। इसके अलावा हाईस्कूल के छात्रों की सोमवार को परीक्षा होने के कारण भी किसानों ने रात को मार्च निकाला, ताकि छात्र जाम में फंसकर परीक्षा केंद्रों में देर से न पहुंचे।

दूसरी ओर कई राजनीतिक पार्टियों ने भी किसानों के इस पैदल मार्च का समर्थन किया। महाराष्ट्र सरकार की राजनीति में शामिल शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बयान में कहा, “हम सरकार में शामिल हैं, मगर इसका मतलब ये नहीं है कि हम किसानों के साथ नहीं है। सरकार में शामिल होना और मालिक होना अलग बात है। वक्त आने पर जो करना होगा, वे भी करेंगे।“

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आखिर किसान ऐसा क्या करें कि उनकी बात ‘सरकार’ तक पहुंच जाए

ट्विटर पर भी छाए हैं किसानों के पत्थर हो चुके पैर

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