बर्ड फ्लू: हरियाणा के पंचकूला में एक महीने में चार लाख से अधिक मुर्गियों की मौत, संक्रमण रोकने के लिए मारी जा रहीं 1.66 लाख मुर्गियां

हरियाणा के पंचकूला में संक्रमित क्षेत्र से अंडे और मुर्गियों के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही एक किमी परिधि को संक्रमित जोन घोषित कर दिया गया है।

Update: 2021-01-09 12:28 GMT
हरियाणा के पंचकूला में बर्ड फ्लू से अब तक चार लाख से अधिक मुर्गियों की मौत हो गई है। फोटो: गाँव कनेक्शन

मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा में भी मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यहां पर एक लाख से ज्यादा मुर्गियों को मारा जा रहा है।

हरियाणा के पंचकूला में कई पोल्ट्री फार्म पर एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि के बाद एक किमी की परिधि को संक्रमित जोन और एक से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्विलांस-जोन घोषित कर दिया है। मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार हरियाणा में पिछले 25 दिनों में पंचकुला के बरवाला में 4,30,267 पक्षियों की मौत हो गई, जिसके बाद जांच के लिए भोपाल भेजा गया। भोपाल में जांच के बाद मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई।

पशु पालन विभाग, पंचकुला के उप निदेशक विक्रम सिंह गाँव कनेक्शन को बताते हैं, "यहां के कई पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की मौत के बाद जांच के लिए जालंधर सेंटर भेजा गया था, वहां रिपोर्ट निगेटिव आयी थी, फिर भी हमने आगे की जांच के भोपाल भेजा, जहां पर बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है।"

पंचकूला में पोल्ट्री फार्म पर मुर्गियों का निस्तारण करते पशु पालन विभाग की टीम। फोटो: ट्वीटर

एवियन इन्फ्लुएंजा' (एच5 एन8) की पुष्टि के बाद पंचकूला जिले के खेड़ी गाँव के सिद्धार्थ पोल्ट्री फार्म, नरेंद्र पोल्ट्री फार्म, नवीन पोल्ट्री फार्म, सुनील पोल्ट्री फार्म और गनौली गाँव के नेचर पोल्ट्री फार्म के 1,66,128 पक्षियों को मारा जा रहा है। पशुपालन विभाग ने आज पक्षियों को मारने की शुरूआत कर दी है। राज्‍य ने इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 59 आरआरटी का गठन किया है।

इन पोल्ट्री-फार्मों में कार्य करने वाले कर्मचारियों और मालिकों के स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। हरियाणा के दूसरे जिले जहां पर ज्यादा संख्या में पोल्ट्री फार्म हैं, वहां पर भी जांच शुरू कर दी गई है।

विक्रम सिंह आगे बताते हैं, "बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जहां भी बर्ड फ्लू के स्ट्रेन मिले हैं वहां से मुर्गियों, अंडों और खाने दाने को बाहर भेजने पर रोक लगा दी गई है। मुर्गियों के मारने के बाद पोल्ट्री मालिकों को मुआवजा भी निर्धारित किया गया है। दो महीने से कम उम्र कह बर्ड के 20 रुपए और बड़ी बर्ड के 90 रुपए दिए जाएंगे।"


इसके साथ ही केरल के अलाप्‍पुझा जिले के एपिसेंटरों में कुल 17,326 पक्षियों (9,066 पल्लीपड में, 8,260 करुवट्टेन में) को मारा जा चुका है और कुल मिलाकर 1,570 किलोग्राम चारे को नष्ट किया गया है। कोट्टायम जिले में एपिसेंटर में 4,229 पक्षियों को मार दिया गया है और 6.01.2021 को कुल 8 किलोग्राम चारे और 42 अंडों को नष्ट कर दिया गया।

अब तक छह राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात) में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। यह जानकारी प्राप्‍त हुई है कि केरल के दोनों प्रभावित जिलों में इस बीमारी से प्रभावित मुर्गियों को मारने का काम पूरा हो चुका है। संक्रमण को समाप्‍त करने की प्रक्रिया चल रही है।

एवियन फ्लू से अप्रभावित राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे पक्षियों के बीच किसी भी असामान्य मृत्यु दर पर नजर रखें और तुरंत इसकी जानकारी दें ताकि आवश्यक उपाय तेजी से किए जा सकें।

निगरानी और महामारी विज्ञान से जुड़ी जांच के लिए केरल, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रभावित राज्यों का दौरा करने के लिए केन्‍द्रीय टीमों को तैनात किया गया है।

दिल्ली के हस्‍तसाल गांव के डीडीए पार्क में 16 पक्षियों की असामान्य मृत्यु भी दर्ज की गई है। एनसीटी दिल्ली के एएच विभाग ने कथित तौर पर एहतियाती कदम उठाए हैं और नमूने आईसीएआर-एनआईएचएसएडी को भेज दिए हैं और जांच रिपोर्ट का इंतजार है। 

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