बजट 2021: ऑपरेशन ग्रीन योजना में जल्दी खराब होने वाले 22 और कृषि उत्‍पाद 'टॉप्‍स' में होंगे शामिल

Update: 2021-02-01 10:33 GMT

आलू, टमाटर और प्याज के साथ ही 22 और कृषि उत्पादों को ऑपरेशन ग्रीन में शामिल किया जाएगा।

कृषि और सहायक उत्‍पादों में मूल्‍य वर्धन और उनके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, वित्त मंत्री ने 'ऑपरेशन ग्रीन योजना' का दायरा बढ़ाकर जल्दी खराब होने वाले 22 और कृषि उत्‍पादों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव किया है जो वर्तमान में सिर्फ़ टमाटर, प्‍याज और आलू (टॉप्‍स) पर लागू है।

वित्त वर्ष 2018-19 में बजट में ऑपरेशन ग्रीन के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। अभी तक इसमें आलू, टमाटर और प्याज जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को शामिल किया गया था। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि करीब 1.68 करोड़ किसान पंजीकृत हैं और ई-नाम के माध्‍यम से 1.14 लाख करोड़ रुपये का व्‍यापार हो रहा है। ई-नाम द्वारा कृषि बाजार में स्‍थापित पारदर्शिता और प्रतिस्‍पर्धा को ध्‍यान में रखते हुए, वित्‍त मंत्री ने पारदर्शिता और प्रतिस्‍पर्धा कायम करने के लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ने का प्रस्‍ताव रखा।

क्या है ऑपरेशन ग्रीन

कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधाओं और व्यावसायिक प्रबंधन के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 के बजट भाषण में "ऑपरेशन फ्लड" की तर्ज पर 500 करोड़ रुपए के परिव्यय से एक नई स्कीम "ऑपरेशन ग्रीन्स" की घोषणा की गई थी।

इस योजना का उद्देश्य एफपीओ के माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम दिलाना। ऑपरेशन ग्रीन के ज़रिए फलों और सब्जियों की बर्बादी रोकने की कोशिश की गई थी। इसमें आलू, टमाटर और प्याज जैसे उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रावधान है। भंडारण, ग्रेडिंग व पैकेजिंग के साथ आधुनिक गोदाम, कोल्ड चेन, प्रोसेसिंग उद्योग लगाने और खपत वाले क्षेत्रों तक उपज को पहुंचाने का बंदोबस्त किया जाता है।

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