बजट 2020: पशुओं को बीमारियों से बचाने के चलेगा अभियान

Update: 2020-02-01 06:20 GMT

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2020-21 का आम बजट पेश कर रहीं हैं, देश में सबसे ज्यादा पशुओं की मौत खुरपका मुंहपका जैसी बीमारियों से हो जाती है, सरकार इससे बचाने का खास अभियान चलाने वाली है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "खुरपका और मुंहपका, ब्रुसोलिस बीमारी पर रोक लगायेंगे। मिल्क प्रोसेसिंग कैपेसिटी को दोगुना करेंगे। दूध उत्पादन 53 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 108 मीट्रिक टन करेंगे।"

खुरपका-मुंहपका एक संक्रामक बीमारी है जो विषाणु द्वारा फैलती है। इस बीमारी की कोई दवा नहीं सिर्फ टीकाकरण ही इसका इलाज है। पूरे देश में इस बीमारी को खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था जिसमें 50 प्रतिशत भारत सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती रही है लेकिन अब इस अभियान का पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी, जिसके लिए सरकार ने वर्ष 2019 से 2024 के लिए 13,343 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

केंद्रीय मत्स्यपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी पशुगणना के मुताबिक देश में गायों की संख्या 14.51 करोड़ है, जबकि गोधन करीब 18.25 करोड़ हो गई है। देश में भैंस की आबादी 10.98 करोड़ है। दुधारू पशुओं (गाय और भैंस) की आबादी 12.53 करोड़ है। 

पशुओं में होने वाले खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारी को जड़ खत्म करने के लिए राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024 तक 51 करोड़ से अधिक पशुओं के टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस को 2024 तक नियंत्रित करना और 2030 तक पूरी तरह समाप्‍त करना है।

पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मुताबिक वर्ष 2018 में खुरपका-मुहंपका से पूरे भारत में 604 पशुओं की मौत हुई, जिसमें पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 363 पशुओं की मौत हुई। वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 388 था वहीं 2016 में 444 था। वहीं ब्रुसेलोसिस बीमारी से वर्ष 2018 में भारत में 6 पशुओं की मौत हुई।

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