छत्तीसगढ़: जापानी बुखार से एक बच्चे की मौत

Update: 2019-06-21 12:29 GMT

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। जापानी बुखार से पीड़ित एक बच्चे की जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक बच्चे का नाम भुवन नाग है। भुवन 18 जून को जापानी बुखार के चलते भर्ती हुआ था। 20 जून को उसकी मौत हो गई। बस्तर में जापानी बुखार से इस साल पहली मौत हुई है।

जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग के मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में वर्ष 2018 में 6 मासूम बच्चों की जापानी बुखार के चलते मौत हो गई थी। इसमें दंतेवाड़ा, गीदम, भैरमगढ़, नैमेड व दरभा की बच्चे शामिल थे।

पशु-पक्षी के संपर्क में आने से फैलता है वायरस

जगदलपुर के सीएमओ देवेंद्र नाग ने बताया कि बतख, सूअर, पक्षी आदि के संपर्क में आने से जापानी बुखार का वायरस फैलता है। यह वायरस खांसी और मच्छर काटने से दूसरे तक पहुंच जाता है। इस वायरस का असर एक सप्ताह के अंदर दिखाई देने लगता है।

सीएमओ ने दिया निर्देश

सीएमओ ने सभी बीएमओ को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सघन दौरा करें और जहां सूअरों, जानवरों, पशु-पक्षी आदि की संख्या ज्यादा रहती है, उसकी जांच करें। देवेंद्र नाग ने कहा कि ऐसे स्थानों से जनसमूह को दूर किया जाए। जहां मच्छर ज्यादा पनपते हैं वैसे स्थानों को जल्द से जल्द साफ करा कर वहां पर रहने वाले लोगों को इस जापानी बुखार के संबंध में जानकारी दें।

173 बच्चों की जांच में 33 पॉजीटिव

लैब से इस बात कीजानकारी मिली कि अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक करीब 173 बच्चों का जापानी बुखार को लेकर जांच किया गया। इसमें 33 पॉजीटिव पाए गए जबकि जनवरी और फरवरी में 29 टेस्ट हुए जिसमें एक बच्चा पॉजीटिव पाया गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनुरूप साहू ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी से निपटने के पुख्ता इंतजाम है। कॉलेज प्रबंधन ने पूरी तैयारी कर ली है।

चमकी बुखार की फैली अफवाह

बिहार में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में भी इसके दस्तक देने की अफवाह मीडिया और सोशल मीडिया पर फैली। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि यह खबर महज अफवाह है। 

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