नई दिल्ली (भाषा)। सरकार के सिगरेट पर उपकर बढ़ाने के कदम से जहां उद्योग पर काफी दबाव पड़ेगा, वहीं इससे तंबाकू उत्पादक किसान भी बुरी तरह प्रभावित होंगे। भारतीय तंबाकू संस्थान (टीआईआई) ने आज यह राय जताई। संस्थान ने कहा कि इससे तस्करी तथा सिगरेट के गैरकानूनी कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी परिषद ने कल सिगरेट पर उपकर बढ़ा दिया था। परिषद का कहना है कि इस कदम से निर्माताओं को जो अप्रत्याशित लाभ मिल रहा था, वह रुकेगा। जबकि, इससे अनुमानत: सरकार को 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
देश में 60 लाख किसान जुड़े हैं तंबाकू उत्पादन व्यवसाय से
टीआईआई ने कहा कि इस अतिरिक्त कर के बोझ से देश के समूचे वैध तरीके से चल रही मूल्य श्रृंखला पर काफी दबाव पड़ेगा। संस्थान ने कहा कि उद्योग सिगरेट पर लगातार उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से पहले ही भारी कर का बोझ झेल रहा हैं। पिछले छह साल में इसमें कुल मिलाकर 131 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में 4 लाख हेक्टेयर में तंबाकू की खेती की जाती है व 60 लाख के लगभग किसान इस व्यवसाय से जुड़े हैं। इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कयी अन्य राज्यों के किसान तंबाकू की खेती से जुड़े हैं।
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