उत्‍तर प्रदेश : क्‍वारंटीन सेंटर से क्‍यों भाग रहे लोग?

Update: 2020-04-07 14:23 GMT
उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर ज‍िले में बना एक क्‍वारंटीन सेंटर।

उत्‍तर प्रदेश के सुल्‍तानपुर में बने एक क्‍वारंटीन सेंटर से 25 लोग फरार हो गए थे। फरार होने के लिए इन लोगों ने चादर की रस्‍सी बनाई और फिर उसके सहारे दूसरी मंजिल पर बने क्‍वारंटीन सेंटर से नीचे उतर आए। इस घटना के बाद पुलिस हरकत में आई और इन लोगों को पकड़ कर वापस क्‍वारंटीन सेंटर में लाया गया। इन पर एफआईआर भी दर्ज की गई है।

यह एकलौती घटना नहीं है जहां क्‍वारंटीन सेंटर में रखे गए लोग भाग खड़े हुए। उत्‍तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्‍या में शहरों से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों को गांव पहुंचने से पहले क्‍वारंटीन करने की व्‍यवस्‍था की गई थी। यह व्‍यवस्‍था गांव के स्‍कूलों पर गई, लेकिन इन क्‍वारंटीन सेंटर से लोगों के भागने की घटनाओं से इस व्‍यवस्‍था पर सवाल उठ रहे हैं।

ऐसा ही एक क्‍वारंटीन सेंटर यूपी के सीतापुर जिले के पिपरी शादीपुर गांव में बना है। गांव के ही सरकारी स्‍कूल में बने इस क्‍वारंटीन सेंटर में शहरों से गांव लौटे 12 लोगों को रखा गया है। जब गांव कनेक्‍शन की टीम इस क्‍वारंटीन सेंटर पहुंची तो इनमें से कुछ लोग घर पर खाना खाने गए थे, क्‍योंकि इस सेंटर में इन्‍हें खाना नहीं मिलता।

इस सेंटर में रखे गए ओमप्रकाश मौर्य बताते हैं, ''मैं नोएडा की एक फैक्‍ट्री में काम करता था। जब काम बंद हुआ तो वापस लौटना पड़ा। अब यहां जानवारों की तरह रख दिया गया है। न कोई सुविधा है, न खाने पीने का इंतजाम। रात में मच्‍छर भी काटते हैं। ऐसे में बस जैसे-तैसे यहां दिन काट रहे हैं।''

ओमप्रकाश के पास ही मो. तैबान का बिस्‍तर भी लगा हुआ था। वो अभी घर से खाना खाकर लौटे ही थे। वो बताते हैं, ''घर जाओ तो लगता है यहां वापस न आएं, लेकिन फिर घर वाले समझाते हैं कि कुछ दिन की बात है तो आ जाता हूं। यहां रहने का मन बिल्‍कुल नहीं करता। घर से इतने पास हैं और इतने खराब हाल में बस पड़े हुए हैं।''

उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर ज‍िले के प‍िपरी सादीपुर गांव में बना क्‍वारंटीन सेंटर। 

ओमप्रकाश मौर्य और मो. तैबान की बात से यह बात निकलती है कि गांव में बने क्‍वारंटीन सेंटर की खराब व्‍यवस्‍था लोगों को यहां से भागने को मजबूर कर रही है। यही वजह रही कि रायबरेली जिले की तहसील महाराजगंज के कुबना गांव में बने क्‍वारंटीन सेंटर से 9 लोग भाग गए थे। इनके भगाने के बाद इनपर एफआईआर दर्ज की गई।

इसी तरह यूपी के कौशांबी के कनवार गांव में क्‍वारंटीन सेंटर से 36 लोग भाग गए थे। बाद में इनमें से 22 लोगों को पकड़कर क्‍वारंटीन सेंटर में रखा गया, बाकी के लोग कहां गए किसी को पता नहीं है।

इतना ही नहीं क्‍वारंटीन सेंटर में रखे गए एक शख्‍स ने बाहर जाकर फांसी भी लगा ली। यूपी के लखीमपुर के फरिया पिपरिया गांव का रहने वाला रोशनलाल हरियाणा में मजदूरी करता था। लॉकडाउन के बाद जब वह 28 मार्च को गांव लौटा तो उसे गांव के बाहर ही बने क्‍वारंटीन सेंटर में रखा गया। दो दिन यहां रहने के बाद वो यहां से भाग गया। जब उसे पता चला कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है तो उसने फांसी लगा ली। वहीं, लड़के के घर वालों का आरोप है कि पुलिस ने पहले रोशन लाल की पिटाई की। इस बात से दुखी रोशनलाल ने आत्‍महत्‍या की ली। फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है।

इन तमाम मामलों से एक बात तो साफ होती है कि क्‍वारंटीन सेंटर लोगों को रास नहीं आ रहे। इसके पीछे यहां की खराब व्‍यवस्‍था है, साथ ही घर के पास रहकर भी घर वालों से न मिल पाने का ख्‍याल भी। यही वजहें हैं कि लोग क्‍वारंटीन सेंटर से फरार हो रहे हैं। 

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