आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम को राहत, अग्रिम जमानत याचिका के साथ लगा सकते हैं अतिरिक्त दस्तावेज

आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत के लिए लंबित चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें याचिका के साथ कुछ अतिरिक्त दस्तावेज लगाने की मंजूरी दे दी है।

Update: 2019-02-06 09:55 GMT

लखनऊ(भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को बुधवार को बड़ी राहत दी है। आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत के लिए लंबित उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें याचिका के साथ कुछ अतिरिक्त दस्तावेज लगाने की मंजूरी दे दी है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कुछ समाचार लेखों के प्रिंट को अदालत में पेश करने की मंजूरी मांगी थी। न्यायमूर्ति सुनील गौर ने इस आवेदन को मंजूर करते हुए कहा कि अतिरिक्त दस्तावेजों को जमानत याचिका के साथ शामिल किया जा सकता है।

इससे पहले अदालत ने 25 जनवरी को आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। ये मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर किए गए थे।

कांग्रेस नेता ने यह दलील देते हुए अग्रिम जमानत मांगी है कि सीबीआई ने उनसे सिर्फ एक बार जून, 2018 में पूछताछ की थी और उनका नाम प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर भी दर्ज नहीं है। वहीं सीबीआई और ईडी ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था।

याचिका में पी. चिदंबरम ने कहा है कि अखबार के इन तथ्यों को अदालत के सामने लाना जरूरी है क्योंकि ये दिखाते हैं कि सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और इसके बाद उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी है। 

क्या है आईएनएक्स मीडिया मामला?

आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) से आसानी से क्लियरेंस मिल गया था। सीबीआई और ईडी इसे मनी लॉन्ड्रिंग का केस मानते हुए जांच कर रही है। पी चिंदबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को क्लियरेंस देने के लिए इस समूह के डायरेक्टरों पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी से मुलाकात की थी। इस मामले में ईडी ने पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के एक फर्म से जुड़ी 54 करोड़ की संपत्तियों को भी जब्त किया था। इसके अलावा पीटर मुखर्जी की संपत्तियों को भी जब्त किया गया है।

Similar News